मेरठ। मेरठ कॉलेज के ऐतिहासिक कमेटी हॉल में मेरठ कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर युद्धवीर सिंह ने नये नियुक्त हुए असिस्टेंट प्रोफेसरों से पिछले 5 वर्ष की प्रोग्रेस रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा। कॉलेज में निम्न बिंदुओं पर नए नियुक्त हुए असिस्टेंट प्रोफेसर से प्रगति आख्या मांगी है। नए नियुक्त हुए असिस्टेंट प्रोफेसरों को यह बताना होगा की उन्होंने कॉलेज में क्या एकेडमिक उत्तरदायित्व वहन किया है। कॉलेज से संबंधित विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में क्या वह इंवॉल्व हुए हैं और परीक्षा संबंधी कार्यों में उनका क्या योगदान है। इसके अलावा को करिकुलर गतिविधियों में किसने पार्टिसिपेट किया है किसने नहीं। इन को करिकुलर गतिविधियों में राष्ट्रीय सेवा योजना, राष्ट्रीय कैडेट कोर, रेंजर रोवर्स और विभिन्न प्रकार के खेल प्रतियोगिताएं शामिल है। आइक्यूएसी की कोऑर्डिनेटर प्रोफेसर अर्चना सिंह एवं पंजाब सिंह मलिक ने नवनियुक्त प्रोफेसरों से शोध संबंधी गतिविधियों में क्या योगदान किया इसकी जानकारी ली। कितनी सेमिनार में किसने शोध पत्र प्रस्तुत किया, कितनी कार्यशाला में या फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में किसने हिस्सा लिया, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सेमिनारों में कौन रिसोर्स पर्सन बनकर गया या अन्य स्थानों में उन्होंने कितने व्याख्यान दिए। इसके अलावा यूजीसी के कितने मेजर और माइनर रिसर्च प्रोजेक्ट उन्होंने हासिल किया इन सबकी जानकारी उन्हें वर्ष वार बिंदु वार देनी होगी। यहां यह तथ्य उल्लेखनीय है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मेरठ कॉलेज मेरठ में सर्वाधिक संख्या में सरकार द्वारा शोध प्रोजेक्ट दिए गए हैं जिन पर काम जारी है। प्राचार्य प्रोफेसर युद्धवीर सिंह ने बताया कि आप लोगों का कर्तव्य है कि आप इस ऐतिहासिक मेरठ कॉलेज के प्रति अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करें और अपने करियर उन्नयन के साथ-साथ मेरठ कॉलेज का नाम एकेडमिक एवं शोध क्षेत्र में बुलंदियों पर पहुंचाएं। उन्होंने नए साथियों को प्रेरित करते हुए कहा कि प्रत्येक नया असिस्टेंट प्रोफेसर जो शोध पत्र बनाए उसको थॉमसन राइटर, स्कोपस या यूजीसी मान्यता प्राप्त जनरल में छपना चाहिए, तभी मेरठ कॉलेज शोध के क्षेत्र में अपनी पुरानी विरासत को पुर्नस्थापित कर सकेगा । उन्होंने आह्वान किया कि वह अपने शोध कार्यों को समाज और छात्रों तक पहुंचाने के लिए अपनी पुस्तक अधिक से अधिक संख्या में प्रकाशित करें। उन्होंने कहा की पुरानी परंपरा से हटकर हमें नया मार्ग बनाना होगा। वर्तमान में मेरठ कॉलेज मेरठ में दो दर्जन से भी ज्यादा नए असिस्टेंट प्रोफेसर विभिन्न विभागों में कार्यरत है। उन्होंने कहा कि यदि प्रत्येक असिस्टेंट प्रोफेसर 10 विद्यार्थियों को भी अपने साथ जोड़ ले तो तकरीबन ढाई सौ छात्र सदैव कॉलेज कार्यों के लिए अतिरिक्त समय देने के लिए तैयार रहेंगे। उन्होंने यह भी बताया की सामाजिक योगदान के लिए नए असिस्टेंट प्रोफेसर मेरठ कॉलेज के आसपास के गांव में जाकर सरकार की विभिन्न योजनाओं का प्रचार करें। क्योंकि आज भी गांव में 80 फीसदी लोगों को सरकारी योजनाओं की जानकारी नहीं है। प्राचार्य प्रोफेसर युद्धवीर सिंह ने कहा कि हम यह सारी गतिविधियां नैक मूल्यांकन हेतु नहीं वरन एक सर्वोत्तम शिक्षण संस्थान बनने के लिए चला रहे हैं ।उन्होंने यह भी बताया कि शीघ्र ही मेरठ कॉलेज मेरठ में महिला छात्रावास प्रारंभ होगा जिसमें 50 सीटें होंगी। बैठक में मेरठ कॉलेज के इतिहास विभाग के प्रोफेसर चंद्रशेखर
भारद्वाज, जितेंद्र सिंह, मेघा शर्मा, यशिका, पंकज भारती सरिता नायक, यूनिक अरोड़ा एवं विक्रांत सम्मिलित रहे।