कानपुर एजेंसी। उत्तर-पश्चिमी नम हवाओं के अचानक बंद होने और अरब सागर से उठने वाली पश्चिमी शुष्क हवाओं से मौसम में गर्मी का माहौल बना दिया है। सुबह भी अब गर्म होने लगी हैं।
मंगलवार सुबह को अधिकतम तापमान 32 डिग्री दर्ज किया गया। ये तापमान अमूमन दोपहर में दर्ज किया जाता है। वहीं प्रदेश के 27 जिलों में लू का अलर्ट जारी किया गया है। इस बाद पिछले साल की तुलना में एक हफ्ते पहले ही हीटवेव चलने लगीं हैं। पूर्वी यूपी में खासकर गर्म शुष्क हवाओं ने हीटवेव पैदा की है।
24 को एक और पश्चिमी विक्षोभ आ रहा: सीएसए यूनिवर्सिटी के मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया, मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि यह स्थिति आगे और बढ़ेगी। इसके साथ ही तापमान में भी तेजी आएगी। डॉ. पांडेय ने बताया कि अभी तक उत्तर-पश्चिमी हवाओं और बंगाल की खाड़ी व भूमध्य सागर की नमी से पारा दोपहर में ज्यादा बढ़ रहा था। अब शुष्क हवाएं चलने से सुबह से ही तेज गर्मी और धूप महसूस होने लगी है।
प्रयागराज प्रदेश में सबसे गर्म शहर: मौसम विभाग के मुताबिक प्रयागराज प्रदेश में सबसे गर्म शहर दर्ज किया गया। यहां अधिकतम तापमान 41.2 डिग्री दर्ज किया गया। इसके बाद कानपुर सबसे गर्म शहर रहा। वहीं न्यूनतम तापमान बहराइच में सबसे कम 20 डिग्री दर्ज किया गया। पश्चिमी यूपी में फिलहाल हीटवेव का कोई अलर्ट आज नहीं है।
जुलाई माह तक चलेगी हीटवेव: मौसम विभाग के मुताबिक अप्रैल में पड़ी रही भीषण गर्मी को देखते हुए मई-जून में अधिकतम तापमान 45 से 48 डिग्री तक जा सकता है। इस बार जहां मानसून अच्छा है, वहीं गर्मी का सितम भी लोगों को करीब 20 दिन ज्यादा झेलना पड़ेगा। इस बार हीटवेव का असर जुलाई महीने तक बरकरार रह सकता है।
अब हीटवेव को समझते हैः
यदि किसी स्थान का अधिकतम तापमान मैदानी इलाकों में कम-से-कम 40 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक एवं पहाड़ी क्षेत्रों में कम-से-कम 30 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक तक पहुंच जाता है तो इसे हीटवेव की स्थिति माना जाता है। इसके अतिरिक्त सामान्य तापमान से 7 डिग्री सेल्सियस अथवा उससे अधिक की वृद्धि को गंभीर हीटवेव की स्थिति माना जाता है। इसी प्रकार यदि यदि किसी जिले का सामान्य अधिकतम तापमान 40°ब् से अधिक है।
तो सामान्य तापमान से 4°ब् से 5°ब् की वृद्धि को लू की स्थिति माना जाता है।
अब भीषण गर्मी और हीटवेव की क्या है वजह इसको समझते हैं…
मौसम विभाग के मुताबिक इस भीषण गर्मी और हीटवेव के पीछे एंटी साइक्लोन जिम्मेदार है। एंटी साइक्लोन वो स्थिति होती है, जब सतह पर हवा का दबाव अधिक हो जाता है। इसकी वजह से ऊपर की हवा नीचे आ जाती है और नीचे आते ही ये हवा गर्म हो जाती है।
फिर इसकी वजह से लू की स्थिति पैदा हो जाती है। बता दें कि विश्व बैंक के अनुसार पिछले 100 सालों में भारत का औसत वार्षिक तापमान 0.62 तक डिग्री बढ़ा है।
प्रदेश के अस्पतालों में कोल्ड रूम बनाने के निर्देश
डॉ.ब्रजेश राठौर ने बताया, प्रदेश के सभी अस्पतालों में कोल्ड रूम बनाने के भी निर्देश दिए गए हैं। साथ ही हीट स्ट्रोक या हीट वेव से पीड़ित मरीजों के लिए कोल्ड स्पंजिंग के प्रयोग से इलाज करने की हिदायत दी गई हैं।