चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के गणित विभाग में दो दिवसीय कार्यशाला का किया गया आयोजन।
मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के गणित विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला गणित के पीजी पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान परम्परा का एकीकरण का आयोजन विद्या भारती उच्च शिक्षण संस्थान एवं शिक्षा संस्कृति उत्थान के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में गणित के स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान परम्परा को बढ़ावा देना है।
प्रथम दिन के उद्घाटन समारोह का शुभारंभ विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर शिवराज सिंह की स्वागत वक्तव्य के साथ हुआ। सीनियर प्रोफेसर मृदुल कुमार गुप्ता, डीन आफ साइंस प्रोफेसर जयमाला, मुख्य वक्ता प्रोफेसर बृजेश खंबोलजा तथा प्रो अनुराधा गुप्ता, विभाग से डॉ संदीप कुमार तथा डॉ सरू कुमारी आई वांट प्रोफेसर हरेंद्र सिंह मेरठ प्रांत अध्यक्ष शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के द्वारा मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलन कर किया गया। विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर शिवराज सिंह, सीनियर प्रोफेसर मृदुल कुमार गुप्ता, डीन आफ साइंस प्रोफेसर जयमाला , प्रोफेसर मुकेश कुमार शर्मा ने मुख्या अतिथि प्रोफेसर बृजेश कुमार , प्रोफेसर अनुराधा तथा प्रोफेसर अजेंद्र मलिक इत्यादि को स्मृति चिन्ह प्रदान कर उनका स्वागत किया। प्रोफेसर मृदुल कुमार गुप्ता, डीन आफ साइंस प्रोफेसर जयमाला ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भारतीय ज्ञान परंपरा के महत्व को बताते हुए कार्यशाला के सफल आयोजन के लिए सभी को प्रोत्साहित कर कार्यक्रम के प्रथम सत्र की शुरुआत की। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र का संचालन डॉ सरू कुमारी ने किया।
प्रोफेसर वृजेशकुमार खमबूलजा (कनाडा टोरंटो ) ने कहा भारतीय ज्ञान दर्शन के विषय में यह बताया कि भारत वर्ष में दर्शन विज्ञान और व्यवहार में हमेशा सामंजस्य बना रहा है। भारतीय दर्शन सत्य की बात नहीं करता वह शाश्वत सत्य की बात करता है ऐसा सत्य जो समय के साथ नहीं बदलता।
डॉक्टर संदीप कुमार के धन्यवाद ज्ञापन के साथ प्रथम सत्र का समापन किया। दूसरे सत्र में प्रोफेसर अनुराधा गुप्ता दिल्ली यूनिवर्सिटी से उपस्थित रही जिन्होंने रामानुज इंफिनिटी नेस्टेड रेडिकल्स विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया जिसे सभी शोधार्थी एवं शिक्षकों ने अत्यंत उत्साहित होकर सुना। रामानुजन की अनसुलझी गुत्थियों की विषय पर भी उन्होंने प्रकाश डाला।
इस सत्र का संचालन डॉ सोनिया गुप्ता वैदिक गणित संयोजक मेरठ प्रांत द्वारा किया गया। कार्यक्रम के तीसरे सत्र में प्रोफेसर अजेंद्र मलिक ने गणित के अनुप्रयोग के बारे में बताया। इन्होंने विस्तार से बताया कि अवकलन समीकरण का हमारे दैनिक जीवन में किस तरह से प्रयोग किया जाता है और आज इंजीनियरिंग के सभी कोर्स गणित के बिना अधूरे हैं । कार्यक्रम के चौथे सत्र में गणित के पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान परंपरा के एकीकरण के विषय पर विस्तार से चर्चा हुई। जिसमें सभी मुख्य वक्ताओं ने अपने सुझाव प्रस्तुत किये। कार्यक्रम में गणित विभाग के सभी शोधार्थी तथा वैदिक गणित के विभिन्न छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।