2019 में 9 में 4 सीटें बीएसपी ने जीतीं थी, इस बार 2 सांसदों के टिकट कटे।
लखनऊ एजेंसी। यूपी में लोकसभा चुनाव की शुरुआत पश्चिम यूपी से हो रही है। पहले फेज की 8 और दूसरे फेज की अमरोहा सीट पर प्रत्याशी तय हो चुके हैं। इन 9 सीटों पर एनडीए, गठबंधन और बसपा के 24 प्रत्याशी मैदान में हैं। 2019 में भाजपा ने यूपी की 80 में से 64 सीटों पर जीत दर्ज की थी। लेकिन, इन 9 सीटों में भाजपा का सबसे
कमजोर प्रदर्शन रहा है।
भाजपा महज 3 सीटों कैराना, मुजफ्फरनगर और पीलीभीत में जीत दर्ज कर पाई। जबकि बसपा ने 4 सीटों सहारनपुर, बिजनौर, नगीना और अमरोहा में जीत दर्ज की। जबकि सपा ने 2 सीटों मुरादाबाद और रामपुर में जीत दर्ज की। 2019 में सपा, बसपा और रालोद ने गठबंधन में चुनाव लड़ा था। इस बार रालोद भाजपा और बसपा अकेले चुनाव मैदान में हैं। जाहिर है सियासी समीकरण बदले हैं तो वोट का गुणा-गणित भी बदलेगा। सपा ने मुरादाबाद के अपने सासंद एसटी हसन का टिकट काट दिया है। उनकी जगह रुचि वीर को उतारा है। जबकि भाजपा ने पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी का टिकट काट दिया है। उनकी जगह रुचि वीरा को उतारा है। एक्सपर्ट कहते हैं कि पहले फेज का चुनाव कहीं न कहीं प्रदेश की चुनावी हवा तय करते हैं। यही कारण है कि दोनों दलों ने पूरी ताकत लगा दी है।
सपा ने टिकट देकर एसटी हसन का नाम काट दिया। जबकि रामपुर से नया चेहरा मोहिबुल्ला नदवी को उतारा है। वहीं, भाजपा ने रामपुर और मुरादाबाद में सीटिंग सांसद को उतारा है।
सहारनपुर सीट: एससी वोटर के सहारे हाथी देगा कमल को टक्कर 41 प्रतिशत मुस्लिम आबादी वाली सहारनपुर सीट पर इस बार भाजपा ने राघव लखनपाल को टिकट दिया था। बसपा ने एक बार फिर यहां मुस्लिम प्रत्याशी माजिद अली को उतारा है। कांग्रेस-सपा गठबंधन ने इमरान मसूद को टिकट दिया है। सहारनपुर में 56 प्रतिशत हिंदू वोटर है। यहां 6 लाख मुस्लिम, 3 लाख एससी, 1.5 लाख गुर्जर और 3.5 लाख सवर्ण वोटर हैं। अगर एससी वोटर बसपा को वोट करता है, तो हाथी भाजपा के प्रत्याशी को कड़ी टक्कर दे सकता है। हालांकि, कांग्रेस प्रत्याशी इमरान मसूद का यहां अच्छा प्रभाव हैं।
अब कैराना की सीट: कैराना में भाजपा ने मौजूदा सांसद प्रदीप चौधरी को टिकट दिया है। सपा ने इकरा हसन पर दांव खेला है। वहीं, बसपा ने ठाकुर (राजपूत) बिरादरी के श्रीपाल सिंह राणा को उतारकर नए समीकरण बना दिए हैं। 17 लाख वोटर्स में साढ़े 11 लाख हिंदू और 5.45 लाख मुस्लिम हैं। हिंदुओं में 2.5 लाख दलित,
1.5 लाख ठाकुर और 2.5 लाख जाट हैं। भाजपा, सपा और बसपा, तीनों पार्टियों ने ठाकुर और जाट बिरादरी को ध्यान में रखते हुए प्रत्याशी उतारे हैं। सपा-कांग्रेस गठबंधन होने से मुस्लिम वोट इकरा की तरफ डायवर्ट हो सकते हैं। ऐसे में भाजपा और बसपा, दोनों को हिंदू वोटर्स का सहारा है।
मुजफ्फरनगर सीट: मुजफ्फरनगर में 2019 और 2014, दोनों चुनाव भाजपा जीती है। 2024 में भाजपा ने संजीव बालियान को फिर टिकट दिया है। वह दो चुनाव लगातार जीत चुके हैं। मगर 1991 से अब तक हुए 8 लोकसभा चुनाव में अब तक कोई भी नेता या पार्टी जीत की हैट्रिक नहीं मार सका है। अब 2024 में सपा ने संजीव बालियान के सामने कांग्रेस से आए जाट नेता हरेंद्र सिंह को टिकट दिया है। वहीं, बसपा ने व्ठब् कार्ड खेला है। दारा सिंह प्रजापति को चुनाव मैदान में उतारा है। जातिगत समीकरण के
मुताबिक, मुजफ्फरनगर सीट पर 57.51 प्रतिशत हिंदू जबकि 41.30ः मुस्लिम हैं। हिंदू वोटर्स में 2 लाख दलित, 1.5 लाख जाट, 1.30 लाख कश्यप, 1.20 लाख सैनी, 1.15 लाख वैश्य और 4.5 लाख में ठाकुर-गुर्जर समेत अन्य बिरादरियों में बंटे हुए हैं।
बिजनौर सीट: सपा ने दलित, बसपा ने जाट कैंडिडेट उतारा 2024 चुनाव में बिजनौर सीट रालोद कोटे में गई है। चौहान गुर्जर समुदाय के चंदन चौहान यहां से चुनाव मैदान में हैं। वह मीरापुर सीट से मौजूदा विधायक हैं। उनके पिता संजय सिंह चौहान 2009 चुनाव में सांसद बने थे। सपा-कांग्रेस ने नूरपुर सीट से विधायक रामवतार सैनी के बेटे दीपक को लोकसभा चुनाव में उतारा है। दलित कैंडिडेट उतारकर सपा फाइट की कोशिश कर रही है। वहीं, बसपा ने जाट कार्ड खेलते हुए विजेंद्र सिंह को उम्मीदवार बनाया है। बिजनौर में हिंदू आबादी करीब 55 प्रतिशत, जबकि मुस्लिम 45 प्रतिशत हैं। हिंदुओं में करीब 22ः दलित हैं।
मोदी मेरठ से करेंगे प्रचार का आगाज: भाजपा: वेस्ट यूपी में योगी आदित्यनाथ 5 दिन में 15 जनसभाएं कर रहे हैं। पीएम मोदी 31 मार्च को मेरठ से यूपी में प्रचार का आगाज कर रहे हैं। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक को पहले फेज की सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों के नामांकन में शामिल होने के लिए भेजा जा रहा है। दैनिक भास्कर से सहभार…