
मेरठ हीरा टाइम्स ब्यूरो। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने बुधवार को ऊर्जा भवन में तीन घंटे का विरोध प्रदर्शन किया। संघर्ष समिति ने पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन और प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि वे अवैध ढंग से नियुक्त कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन को बचाने की साजिश कर रहे हैं और बैक डेटिंग कर फर्जीवाड़ा करने वाले कंसल्टेंट को दोषमुक्त करने में लगे हैं। निदेशक वित्त निधि नारंग को कार्यकाल पूरा होने के बावजूद एक और सेवा विस्तार देने की तैयारी है। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में चल रहे आंदोलन के कार्यक्रम के तहत बुधवार से बिजली कर्मचारियों ने पूरे प्रदेश में 2रू00 से शाम 5रू00 बजे तक 3 घंटे का विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम प्रारंभ किया। प्रदेश के समस्त जनपदों, परियोजनाओं और राजधानी लखनऊ में विभिन्न दफ्तरों में काम करने वाले बिजली कर्मचारियों का गुस्सा फूट पड़ा और वे 02 बजे कार्यालयों के बाहर आ गए और जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। संघर्ष समिति मेरठ के पदाधिकारियों इं सीपी सिंह (सेवानिवृत), इं कृष्ण कुमार साराश्वत, इं निखिल कुमार, इं निशान्त त्यागी, इं प्रगति राजपूत, कवितेन्द्र, कपिल देव गौतम, जितेन्द्र कुमार, कपिल कुमार, प्रदीप डोगरा आदि ने आरोप लगाया कि पावर कारपोरेशन के चेयरमैन और प्रबन्धन अवैध ढंग से नियुक्त किए गए ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट ग्रांट थॉर्टन को बचाने की साजिश कर रहे हैं। इस हेतु निदेशक वित्त निधि नारंग का कार्यकाल दूसरी बार बढ़ाने की तैयारी है। ऊर्जा भवन कार्यालय में हुई विरोध सभा में सैकड़ों बिजली कर्मचारियों ने निजीकरण के विरुद्ध अपनी आवाज बुलंद की।