
मेरठ हीरा टाइम्स ब्यूरो। लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज मेरठ पश्चिम उत्तर प्रदेश का पुराना चिकित्सालय जो कई वर्षों से जनहित में अपनी स्वास्थ्य सेवाये दे रहा है। इसी क्रम में मेडिकल कॉलेज मेरठ के नेत्र रोग विभाग विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा द्वारा एक जटिल सर्जरी की गई। मरीज फखरुद्दीन (बदला हुआ नाम) जो की रोहतास घड़ी मोदीनगर के निवासी हैं। वे काफी लंबे समय से बहुत ही गंभीर बीमारी काईफोसिस से पीड़ित है। वह काफी लंबे समय से मोतियाबिंद की बीमारी से ग्रसित चल रहे थे। उन्होंने प्राइवेट चिकित्सालय में मोतियाबिंद के ऑपरेशन हेतु संपर्क किया किंतु उनकी बीमारी काईफोसिस के कारण उनके ऑपरेशन किए जाने में कठिनाई हो रही थी। इस बीमारी में मरीज ना तो सीधा होकर चल पाता है एवं ना ही सीधा लेट पाता है। बल्कि मरीज दो लाठियों की सहायता से बहुत झुक कर ही चल पाता है। मरीज ने लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज मेरठ के नेत्र रोग विभाग में विभागाध्यक्ष डॉ लोकेश कुमार सिंह से संपर्क कर अपना इलाज कराने की इच्छा जाहिर की। डॉ लोकेश कुमार सिंह ने मरीज की गंभीरता को मद्देनजर रखते हुए इस चुनौती पूर्ण जटिल सर्जरी करने का निर्णय लिया। डॉ लोकेश कुमार सिंह ने मोतियाबिंद के ऑपरेशन की नवीनतम विधि माइक्रोइंसिजन टॉपिकल फेको विधि द्वारा यह सर्जरी की। डॉ सिंह ने बताया कि टॉपिकल माइक्रो फेको आंखों के मोतियाबिंद के उपचार की एक अत्याधुनिक तकनीक है। इसमें किसी प्रकार के बड़े चीरे की आवश्यकता नहीं होती। ऑपरेशन की इस विधि के दौरान आंख में महज एक बारीक छेद किया जाता है, जिसके माध्यम से मोतिया को आंख के अंदर ही घोल दिया जाता है और इसी के माध्यम से ही फोल्डेबल लेंस को आंख के अंदर प्रत्यारोपित कर दिया जाता है। इस नवीनतम विधि में मरीज की आंख में कोई इंजेक्शन नहीं लगाया जाता एवं ना ही कोई पट्टी बांधी जाती है। जिसके कारण मरीज शीघ्र ही अपनी दैनिक दिनचर्या को शुरू कर सकता है उपरोक्त जटिल सर्जरी के उपरांत मरीज प्रसन्न है एवं मरीज तथा उनके परिजनों ने नेत्र रोग विभाग की पूरी टीम को धन्यवाद दिया। प्राचार्य डॉ आर सी गुप्ता ने नेत्र रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ लोकेश कुमार सिंह वि उनकी पूरी टीम को उपरोक्त जटिल सर्जरी की सफलता पर बधाई दी।