नई दिल्ली एजेंसी। संसद के शीतकालीन सत्र का गुरुवार को तीसरा दिन था। प्रियंका गांधी पहली बार संसद पहुंचीं। उन्होंने लोकसभा में सांसद पद की शपथ ली। इस दौरान हाथ में संविधान की कॉपी ली। प्रियंका के साथ उनकी मां सोनिया और राहुल गांधी भी संसद पहुंचे। प्रियंका वायनाड सीट से उपचुनाव जीती हैं। प्रियंका के साथ नांदेड़ से उपचुनाव जीतने वाले रविंद्र चव्हाण ने भी शपथ ली। लोकसभा में कार्यवाही शुरू होते ही अडाणी मुद्दे पर हंगामा होने लगा। विपक्ष के नेताओं ने नारे लगाए- देश का लूटना बंद करो। वहीं राज्यसभा में भी अडाणी मुद्दा उठा। हंगामा होता देख सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा- संसदीय विवाद लोकतंत्र को कमजोर करता है। इसके बाद दोनों सदन की कार्यवाही दोपहर पहले 12 बजे, फिर पूरे दिन के स्थगित कर दी गई। उधर लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पर जॉइंट पैनल का कार्यकाल बजट सत्र 2025 के अंतिम दिन तक के लिए बढ़ा दिया गया है। पैनल के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने लोकसभा में प्रस्ताव पेश किया और इसे मंजूरी मिल गई।
केरल के वायनाड लोकसभा उपचुनाव में प्रियंका गांधी की जीत के बाद लोकसभा में दोबारा कांग्रेस के 99 सांसद हो गए हैं। वायनाड सीट राहुल गांधी ने छोड़ी थी, जबकि नांदेड़ सीट कांग्रेस सांसद बसंतराव चव्हाण के निधन के चलते खाली हुई थी। इन पर हाल ही में उपचुनाव हुए हैं और दोनों ही सीटें कांग्रेस के पास वापस आ गई हैं। यह पहली बार हुआ है कि कांग्रेस पार्टी से जुड़े गांधी परिवार के 3 सदस्य एक साथ संसद के सदस्य हैं। राहुल गांधी रायबरेली से और प्रियंका गांधी वाड्रा वायनाड से लोकसभा सांसद हैं। जबकि सोनिया गांधी राजस्थान से राज्यसभा सांसद हैं। अश्विनी वैष्णव बोले- वल्गर कंटेंट रोकने के लिए सख्त कानून बने केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया पर वल्गर कंटेंट की रोकथाम के लिए सख्त कानून बनाने की बात कही थी। वैष्णव ने कहा- जिन देशों से ऐसे कंटेंट आते हैं, उनकी संस्कृति हमसे काफी अलग है। वल्गर कंटेंट की रोकथाम के लिए पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी को इस विषय पर ध्यान देने और कानून को सख्त करने की जरूरत है। उन्होंने कहा था कि सोशल मीडिया के युग में एडिटोरियल चेक होना समाप्त हो गया है। पहले प्रेस से जो कुछ भी छपता था, उसे चेक किया जाता था कि यह सही है या गलत, और फिर उसे मीडिया में लाया जाता था। उन्होंने कहा कि एडिटोरियल चेक के खत्म होने के कारण आज सोशल मीडिया एक तरफ फ्रीडम ऑफ प्रेस का बहुत बड़ा माध्यम बन गया है, लेकिन दूसरी तरफ यह एक अनकंट्रोल्ड एक्सप्रेशन हैं, जिसमें कई तरह के वल्गर कंटेंट डाले जाते हैं। इसके लिए मौजूदा कानून को और सख्त करने की आवश्यकता है। इसके लिए हमें आम सहमति की भी जरूरत है।