मुंबई एजेंसी। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना के चीफ उद्धव ठाकरे प्रचार के लिए यवतमाल के वनी एयरपोर्ट पहुंचे। यहां हेलीकॉप्टर से उतरते ही चुनाव आयोग के अधिकारी उनका बैग चेक करने आए, जिसे लेकर उद्धव नाराज हो गए। उद्धव ने अधिकारियों के बैग चेक करने का वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर शेयर किया। वीडियो में उद्धव अधिकारियों से मोदी-शाह के बैग चेक करने की मांग करते नजर आए। उन्होंने कहा मेरा बैग चेक कर लीजिए। चाहे तो मेरा यूरिन पॉट भी चेक कर लीजिए, लेकिन अब मुझे मोदी के बैग चेक करते हुए भी आप लोगों का वीडियो चाहिए। वहां आप अपनी पूंछ मत झुका देना। आपको जो खोल कर देखना है देख लीजिए। यह वीडियो मैं रिलीज कर रहा हूं। इसके बाद मैं आप लोगों को खोलूंगा।
सासंद संजय सिंह ने कहा- महाराष्ट्र के अंदर किसी की हिम्मत नहीं होती थी कि बाला साहेब ठाकरे की पार्टी के साथ कोई दुर्व्यव्हार कर सके, आज उस पार्टी के अगुआ उद्धव ठाकरे के साथ जिस तरह की बदसलूकी की गई, इसका सबक महाराष्ट्र की जनता सिखाएगी। संजय सिंह ने कहा- क्या उद्धव ठाकरे को चुनाव प्रचार करने की इजाजत नहीं है? क्या वो अपने प्रत्याशियों के लिए प्रचार नहीं कर सकते? अमित शाह का हेलिकॉप्टर कभी चेक हुआ क्या? नरेंद्र मोदी का हेलिकॉप्टर कभी चेक हुआ क्या? आप विपक्षियों को दबाना चाहते हैं। लोकसभा चुनाव में भाजपा 23 से 9 सीटों पर सिमटी लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 सीटों में से इंडिया गठबंधन को 30 और एनडीए को 17 सीटें मिलीं। इनमें भाजपा को 9, शिवसेना को 7 और एनसीपी को सिर्फ 1 सीट मिली थी। भाजपा को 23 सीटों का नुकसान हुआ। 2019 के लोकसभा चुनाव से छक्। को 41 जबकि 2014 में 42 सीटें मिली थीं। लोकसभा चुनाव के हिसाब से भाजपा को नुकसान का अनुमान महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में भी अगर लोकसभा चुनाव जैसा ट्रेंड रहा तो भाजपा को नुकसान होगा। भाजपा 60 सीटों के आसपास सिमटकर रह जाएगी। वहीं, विपक्षी गठबंधन के सर्वे में डट। को 160 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। भाजपा के लिए मराठा आंदोलन सबसे बड़ी चुनौती है। इसके अलावा शिवसेना और छब्च् में तोड़फोड़ के बाद उद्धव ठाकरे और शरद पवार के साथ लोगों की सिम्पैथी है। विधानसभा चुनाव- 2019 2019 में ठश्रच्-शिवसेना गठबंधन था। ठश्रच् ने 105 सीटें और शिवसेना ने 56 सीटें जीतीं। गठबंधन से छब्च् को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं। भाजपा-शिवसेना आसानी से सत्ता में आ जाती, पर मनमुटाव के कारण गठबंधन टूट। 23 नवंबर 2019 को फड़नवीस ने मुख्यमंत्री और अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। हालांकि, बहुमत परीक्षण से पहले 26 नवंबर को ही दोनों ने इस्तीफा दे दिया। 28 नवंबर को शिवसेना (अविभाजित), छब्च् (अविभाजित) और कांग्रेस की महाविकास अघाड़ी सत्ता में आई। इसके बाद शिवसेना (अविभाजित) और छब्च् (अविभाजित) में फूट पड़ गई और ये दो पार्टियां चार धड़ों में बंट गई। फिर भी लोकसभा चुनाव में शरद पवार और उद्धव ठाकरे को फायदा हुआ। अब इसी पृष्ठभूमि पर विधानसभा चुनाव भी हो रहा है।