लखनऊ एजेंसी। लखनऊ पुलिस कस्टडी में कारोबारी मोहित पांडेय की मौत पर सियासत शुरू हो गई है। सोमवार को सीएम योगी मोहित के परिवार से मिले। उन्होंने परिवार को 10 लाख रुपए देने का ऐलान किया। कहा- तीनों बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा सरकार उठाएगी। दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त एक्शन लेंगे। इधर, मोहित की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आई है। इसमें मोहित के सिर, हाथ-पैर और पीठ पर चोट के निशान मिले हैं, लेकिन मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। आगे की जांच के लिए बिसरा सुरक्षित कर लिया गया है। इस मामले में चिनहट इंस्पेक्टर सस्पेंड हो चुके हैं। अब चौकी प्रभारी की लापरवाही सामने आ रही है। इस मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए हैं। पुलिस की कार्यप्रणाली की रिपोर्ट मानवाधिकार आयोग को भेजी गई है। चिनहट थाने से दो एडिशनल एसएचओ हटाए गए: लखनऊ चिनहट थाने में तैनात एडिशनल एसएचओ श्रीप्रकाश सिंह और आनंद भूषण वेलदार को हटा दिया गया है। क्ब्च् द्वारा यह निर्णय सब-इंस्पेक्टर रैंक के एसओ की तैनाती के बाद लिया गया। श्रीप्रकाश सिंह को आशियाना थाने और आनंद भूषण वेलदार को गोमती नगर विस्तार थाने ट्रांसफर किया गया। साथ ही लंबे समय से खाली पड़ी चिनहट ैैप् के पद पर सफात उल्लाह खां की पोस्टिंग की गई है। मोहित पांडे की मौत मामले में परिवार का बड़ा आरोप: लखनऊ के चिनहट थाने में मोहित पांडेय की मौत मामले में परिवार ने बड़ा आरोप लगाया है। परिजनों का दावा है कि आरोपी आदेश और उसका चाचा गोंडा से भाजपा विधायक अजय सिंह का करीबी है। आदेश सिंह का चाचा भाजपा विधायक अजय सिंह के लिए ठेकेदारी करता है।आदेश सिंह से 600 रुपए को लेकर मारपीट का मामला चौकी पर ही सुलझ गया था, लेकिन आदेश सिंह के चाचा ने ही फोन कराकर मोहित पांडे को थाने में बैठाया। रात 11 बजे से अगले दिन दोपहर 1 बजे तक मोहित पांडे को गैरकानूनी ढंग से उसी के इशारे पर थाने में रखा गया।
ब्रजेश पाठक बोले- सरकार परिवार के साथ खड़ी: उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा -यह घटना बहुत दुखद है। सरकार ने इसे बहुत गंभीरता से लिया है, उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं। सरकार पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है। आरोपी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है। जो भी इसमें शामिल होगा उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा उठाएगी सरकार : सोमवार सुबह विधायक योगेश शुक्ला के साथ मृतक मोहित पांडेय के परिवार ने सीएम योगी से मुलाकात की। मोहित की मां, पत्नी और तीनों बच्चों ने सीएम से मुलाकात की। इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये की मदद दी। साथ ही कहा कि बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी सरकार उठाएगी। सीएम ने कहा कि किसी भी दोषी पुलिसकर्मी को बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा पूरा मामला मेरे संज्ञान में है, जांच करा कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 151 की कार्रवाई पर उठे सवाल: मानवाधिकारों की पैरवी करने वालों का सवाल है कि 151 में हिरासत के बावजूद चालान में देरी क्यों? मोहित को धारा 151 के तहत हिरासत में लिया गया। निर्धारित समय में चालान नहीं किया गया। कानूनी प्रक्रिया के अनुसार, गिरफ्तारी के बाद तुरंत चालान होना चाहिए। पुलिस ने इसे नजरअंदाज किया। यह देरी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े करती है।