तेहरान/तेल अवीव एजेंसी। इजराइल ने ईरान के हमलों के जवाब में 25 दिन बाद शनिवार तड़के पलटवार किया।
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक 3 घंटे में 20 ठिकानों पर हमले किए गए। इनमें मिसाइल फैक्ट्री और सैन्य अड्डे शामिल हैं। तेहरान के श्इमाम खुमैनी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास भी हमला हुआ है। हमले स्थानीय समयानुसार देर रात 2ः15 बजे शुरू हुए और तड़के 5 बजे तक जारी रहे। यरुशलम पोस्ट के मुताबिक इजराइल ने ईरान पर हमला करने के लिए 100 से ज्यादा फाइटर जेट्स का इस्तेमाल किया। हमले में एफ-35 का भी इस्तेमाल किया गया। सीरिया में रडार ठिकानों पर इजराइल ने शुरूआती हमला किया। इसके बाद ईरान में एयर डिफेंस सिस्टम और रडार पर हमला किया गया। इजराइल डिफेंस फोर्स ने रात में 2ः30 बजे इसकी जानकारी दी। आडीएफ के प्रवक्ता डेनियल हगारी ने कहा 1 अक्टूबर को इजराइल पर हुए हमले के जवाब में यह कार्रवाई की गई है। ईरान और मिडिल ईस्ट में उसके सहयोगी 7 अक्टूबर 2023 से 7 मोर्चों पर हम पर हमले कर रहे हैं। हमें भी जवाब देने का हक है। अपनी रक्षा के लिए जो भी जरूरी होगा वह करेंगे। हमले के बाद इजराइल, ईरान और इराक ने अपने एयरस्पेस बंद कर दिए हैं। एयर स्ट्राइक के बाद अमेरिका ने इजराइल का समर्थन किया है और कहा है कि यह ईरान के हमले का जवाब है। ईरान ने हमले की पुष्टि की और कहा कि हमले तेहरान, कुजेस्तान और ईलाम राज्यों में हुए। इसमें से कई हमले को हवा में ही रोक दिया गया, इसलिए बहुत कम नुकसान हुआ। बाइडेन प्रशासन बोला- इजराइल को अपनी हिफाजत करने का हक: ईरान पर इजराइल हमले के बाद राष्ट्रपति प्रशासन की तरफ से बयान जारी हुआ है। इसमें कहा गया है कि इजराइल को अपनी हिफाजत करने का हक है। लेकिन राष्ट्रपति बाइडेन ईरान के न्यूक्लियर साइट्स और तेल भंडारों को निशाना बनाने का समर्थन नहीं करेंगे। क्योंकि इससे मिडिल ईस्ट में संघर्ष और बढ़ सकता है। अमेरिका इससे पहले भी इजराइल को इन जगहों पर हमले न करने की सलाह दे चुका है। हालांकि आज के हमलों के बाद इजराइल ने कहा कि उन्होंने सिर्फ ईरान के सैन्य ठिकानों पर हमला किया। अमेरिका बोला- इजराइली हमले का जवाब न दे ईरान: अमेरिका ने ईरान से अपील की है कि वे इजराइली हमले का जवाब न दे। ठठब् के मुताबिक अमेरिकी अधिकारी ने एक बयान में कहा कि अगर ईरान एक बार फिर से हमला करने का फैसला करता है तो इसके लिए हम तैयार हैं। ईरान को एक बार फिर से परिणाम भुगतना होगा और अमेरिका ऐसा होता देखना नहीं चाहता। बयान में आगे कहा गया है कि इजराइल और ईरान को अब एक-दूसरे पर हमले रोक देने चाहिए। अमेरिका लेबनान और गाजा में सीजफायर की कोशिश के लिए तैयार है। इसके साथ ही इजराल से बंधक बनाए गए लोगों की वापसी भी चाहता है।