मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन केंद्र एवं इतिहास विभाग के तत्वाधान में मंगलवार को भारत की वीरांगनाओं के जीवन चरित्र पर आधारित व्याख्यान एवं भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में छात्राओं के साथ ही छात्रों ने भी भाग लिया। कार्यक्रम में प्रोफेसर बिंदु शर्मा ने कहा- यूजीसी भी यह चाहती है कि न केवल छात्राएं बल्कि छात्र भी महिलाओं के सशक्तिकरण और सामाजिक जागरूकता से जुड़े मुद्दों पर संवेदनशील हों।
ताकि समाज में लैंगिक समानता का संदेश जाए और छात्र भी इस मुहिम में सहभागी बनें। कहा कि भारत में महिला सशक्तिकरण की स्थिति में सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी समाज के कई हिस्सों में महिलाओं के अधिकारों और योगदान को लेकर जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है। छोटे-छोटे कार्यालयों, घरेलू कार्यों और सेवा क्षेत्र में कार्यरत महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इतिहास विभाग अध्यक्ष प्रो. केके शर्मा ने कहा- हमारे समाज में अभी भी इस प्रकार के आयोजन का अपना एक अलग महत्व है, क्योंकि इसके माध्यम से छात्र-छात्राओं को सकारात्मक दिशा में बढ़ने और अपनी बात मजबूती से रखने व समाज के सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त होता है। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान इतिहास विभाग की छात्रा शिवानी, द्वितीय स्थान भानु प्रताप, तृतीय स्थान खुशी शर्मा एवं कुश गिरी ने प्राप्त किया। सांत्वना पुरस्कार ज्योतिमा श्रीवास्तव, राजश्री गोयल, रिषिता त्यागी, ईशा चौधरी, शगुन चौधरी, कशिश शर्मा एवं रिचा को मिला। भाषण प्रतियोगिता के निर्णायक निर्णायक मंडल में डॉ. योगेश कुमार इतिहास विभाग, डॉ. अपेक्षा चौधरी विधि विभाग, डॉ. नेहा एमबीए रहीं। कार्यक्रम संयोजिका प्रो. अराधना ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए विजेताओं को बधाई दी।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. मनीषा त्यागी ने किया। इस अवसर पर डॉ. कुलदीप कुमार त्यागी, डॉ. शालिनी और प्रज्ञा ने विशेष रूप से भाग लिया।