पीएम मोदी ने किया उदघाटन, कहा बड़ी संख्या में गरीबों को मुफ्त इलाज और युवाओं को मिलेगा रोजगार का अवसर…….
नई दिल्ली एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को आरजे शंकरा नेत्र अस्पताल के लोकार्पण के बाद आयोजित एक समारोह को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आरजे शंकरा नेत्र चिकित्सालय एक प्रकार से आध्यात्मिकता और आधुनिकता का संगम है, जो बुजुर्गों की भी सेवा करेगा और बच्चों को भी नई रोशनी देगा। पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरूआत करते हुए कहा, श्मुझे परमपूज्य शंकराचार्य जी के दर्शन का, प्रसाद पाने का और आशीर्वाद प्राप्त करने का सौभाग्य मिला है। उनके आशीर्वाद से ही आज काशी को, पूर्वांचल को एक और आधुनिक अस्पताल मिला है। भगवान शंकर की नगरी में आरजे शंकरा नेत्र अस्पताल आज से जन जन के लिए समर्पित है। मैं काशी के, पूर्वांचल के सभी परिवारजनों को बहुत बहुत बधाई देता हूं।श् उन्होंने कहा कि साथियों हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’, यानि अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो। यह अस्पताल वाराणसी और अनेक लोगों के जीवन से अंधकार दूर करेगा, उन्हें प्रकाश की ओर ले जाएगा।
पीएम ने कहा कि आरजे शंकरा नेत्र अस्पताल वाराणसी और इस क्षेत्र के अनेकों लोगों के जीवन से अंधकार दूर करेगा, उन्हें प्रकाश की ओर ले जाएगा। ये अस्पताल बुजुर्गों की भी सेवा करेगा और बच्चों को भी रोशनी देगा। यहां बहुत बड़ी संख्या में गरीबों को मुफ्त इलाज मिलने वाला है। ये अस्पताल, यहां के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर लेकर आया है। उन्होंने आगे ने कहा कि काशी की पहचान अनंतकाल से धर्म और संस्कृति की राजधानी के रूप में रही है। अब काशी, यूपी के, पूर्वाचल के बड़े आरोग्य केंद्र, हेल्थकेयर हब के रूप में भी विख्यात हो रहा है। पीएम मोदी ने कहा, पहले की सरकारों के समय वाराणसी समेत, पूर्वांचल में स्वास्थ्य सेवाओं को जमकर नजरअंदाज किया गया। हालात ये थे कि 10 वर्ष पहले पूर्वांचल में दिमागी बुखार के इलाज के लिए ब्लॉक स्तर पर उपचार नहीं थे। बच्चों की मृत्यु होती थी, मीडिया में हो हल्ला होता था, लेकिन पहले की सरकारें कुछ नहीं करती थीं। उन्होंने कहा, मुझे संतोष है कि बीते दशक में काशी ही नहीं, पूर्वांचल के पूरे क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। आज पूर्वांचल में दिमागी बुखार का इलाज करने के लिए 100 से अधिक केंद्र काम कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा, श्आज आरोग्य से जुड़ी भारत की रणनीति के पांच स्तंभ हैं- प्रिवेंटिव हेल्थकेयर, यानी बीमारी होने से पहले का बचाव, समय पर बीमारी की जांच, मुफ्त और सस्ता इलाज, सस्ती दवाएं, छोटे शहरों में अच्छा इलाज, डॉक्टरों की कमी दूर करना और स्वास्थ्य सेवा में टेक्नॉलॉजी का विस्तार। संस्था से जुड़े लोगों के अनुसार इस नेत्र अस्पताल से पूर्वी उत्तर प्रदेश के 20 जिलों के अलावा बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती इलाकों के मरीजों को सुविधा देने का लक्ष्य रखा गया है। कांची मठ से संचालित यह देश में 17 वां अस्पताल है। संस्था के लोगों के अनुसार यहां प्रतिवर्ष 30 हजार मरीजों की आंखों के निरूशुल्क ऑपरेशन का लक्ष्य रखा गया है। समारोह में संस्थान से जुड़े आर रमणी, राकेश झुनझुनवाला की पत्नी रेखा झुनझुनवाला समेत कई प्रमुख लोगों ने अपने विचार रखे।