मोदीपुरम। सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही एवं कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख द्वारा “कृषि उद्यमिता-समृद्ध किसान“ विषय पर आयोजित अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया। 16 अक्टूबर, 2024 से प्रारम्भ होकर ये आयोजन 18 अक्टूबर, 2024 को सम्पन्न होगा। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कृषि विज्ञान केन्द्रों के स्टालों का भ्रमण कर किए जा रहे कार्यों की जानकारी प्राप्त कर अच्छे कार्यों की सराहना की। विशेषकर महिला सशक्तिकरण से सम्बन्धित स्टाल की विशेष सराहना की। उन्हांेने किसान मेले में लगे स्टालों का भ्रमण करते हुए पशु प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। किसानों के कृषि कार्य को देश का भाग्योदय करने वाला बताते हुए किसान मेला को देश-प्रदेश के भाग्य का मेला बताया। उन्होंने किसानों को कृषि में नवीन तकनीक और अविष्कारों को खेत तक पहुँचाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसान मेला और प्रदर्शनी के माध्यम से विश्वविद्यालय की तकनीक और नए अनुसंधान गाँवों और किसानों तक पहुँचेंगे। उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों की चर्चा करते हुए उत्पादन बढ़ाने और फसलों की बहुउपयोगिता सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा किसान मेले ने देश के दूरदराज के क्षेत्रों से आये किसानों और उद्यमियों को कृषि वैज्ञानिकों के साथ बातचीत करने का और अपने अनुभवों और विशेषज्ञता को बाँटने का एक अवसर प्रदान किया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राष्ट्रीय खाद्यान्न उत्पादन में महत्वपूर्ण भागीदारी है। राज्य के अन्य स्थानों की तुलना में यहाँ प्राकृतिक संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता एवं इनके समुचित प्रयोग के कारण विभिन्न फसलों की उत्पादकता अधिक है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ने की फसल एक वरदान है। यह फसल रोजगारपरक होने के साथ-साथ लाभकारी भी है
कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि आज के युवा भारत का भविष्य है और कृषि भारत का आधार है इसलिए देश के विकास के लिए आवश्यक है कि अधिक से अधिक युवाओं को कृषि से जोड़ा जाये और यह तभी सम्भव होगा जब कृषि लाभकारी हो। मेरा मानना है कि परम्परागत तरीकों के साथ साथ कृषि के आधुनिक तौर तरीकों का प्रयोग करके खेती को लाभकारी बनाया जा सकता है। कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति, डा. के.के.सिंह ने बताया कि हमारा देश कृषि प्रधान देश है जहाँ पर आज भी देश की लगभग 60 प्रतिशत जनसंख्या प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर आधारित है।
स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् भारतीय कृषि में लगभग हर क्षेत्र में क्रान्ति आई है किन्तु घटती हुई जमीन एवं पानी की कमी तथा जलवायु परिवर्तन जैसी विपरीत परिस्थितियों में देश की बढ़ती हुई जनसंख्या को सन्तुलित खाद्य पदार्थों को उपलब्ध करा पाना एक चुनौती है। पदमश्री भारत भूषण त्यागी तथा पदमश्री नरेन्द्र सिंह ने किसान मेले के आयोजन की सफलता की शुभकामना दी। निदेशक प्रसार डा. पी.के. सिंह ने सभी अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। मेले में डा.सतेन्द्र कुमार, डा.मुकेश कुमार, डा.पी.के. सिंह, डा.एस.के.लोधी, डा.एस.के. त्रिपाठी, डा. हरिओम कटियार एवं अन्य स्टाफ का विशेष सहयोग रहा।