नई दिल्ली एजेंसी। दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी ने सोमवार (23 सितंबर) को पदभार संभाल लिया। वह सुबह 12 बजे ब्ड ऑफिस पहुंची और औपचारिकताएं पूरी कीं। इस दौरान आतिशी ने ब्ड ऑफिस में एक खाली कुर्सी छोड़ी दी और खुद दूसरी कुर्सी पर बैठीं। आतिशी ने कहा- ‘जैसे राम के वनवास जाने के बाद भरत ने खड़ाऊं रखकर अयोध्या का सिंहासन संभाला, मैं उसी तरह दिल्ली सीएम की कुर्सी संभालूंगी। 4 महीने बाद दिल्ली के लोग केजरीवाल को फिर से इसी कुर्सी पर बैठाएंगे। तब तक ये कुर्सी इसी कमरे में रहेगी और केजरीवाल जी का इंतजार करेगी। आतिशी के बयान पर दिल्ली भाजपा जिलाध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा- इस हरकत से आतिशी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की गरिमा के साथ ही दिल्ली की जनता की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। यह कोई आदर्श नहीं हैं। सीधी भाषा में चापलूसी है। केजरीवाल बताएं, क्या सरकार रिमोट कंट्रोल से चलाएंगे। दिल्ली शराब नीति केस में 13 सितंबर को जमानत पर बाहर आने के बाद केजरीवाल ने 17 सितंबर को सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। 21 सितंबर को आतिशी दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बनीं। 23 सितंबर को उन्होंने 5 मंत्रियों के साथ शपथ ली। आतिशी ने कहा- आज मैंने दिल्ली के सीएम का कार्यभार संभाला है। आज मेरे मन में वही व्यथा है, जब भगवान श्री राम 14 साल के लिए वनवास गए थे। जिस तरह भरत जी ने 14 साल तक भगवान श्री राम की खड़ाऊं रखकर अयोध्या का शासन संभाला। उसी तरह से आने वाले 4 महीने के लिए मैं दिल्ली सरकार चलाऊंगी। आतिशी ने कहा- भगवान श्रीराम ने एक वचन को निभाने के लिए 14 साल का वनवास स्वीकार किया। इसीलिए हम भगवान श्रीराम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहते हैं। उनकी जिंदगी हम सबके लिए मर्यादा और नैतिकता की एक मिसाल है। बिल्कुल उसी तरह अरविंद केजरीवाल ने इस देश की राजनीति में मर्यादा और नैतिकता की एक मिसाल कायम की है।श्