नई दिल्ली एजेंसी ।कनाडा के खालिस्तान समर्थक अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भारत सरकार के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। इस मामले में अमेरिकी अदालत ने भारतीय सरकार को सम्मन भेजा है। सीबीसी न्यूज के अनुसार, भारत सरकार, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और अन्य के खिलाफ एक अमेरिकी संघीय जिला अदालत में दीवानी मुकदमा दायर किया गया है। खालिस्तानी अलगावादी की तरफ से भारतीय अधिकारियों के खिलाफ कथित हत्या के प्रयास के लिए हर्जाने का दावा किया गया है। इसके साथ ही कहा गया है कि इस कथित हत्या के प्रयास को अमेरिका ने 2023 में विफल कर दिया था। मुकदमे में खालिस्तान समर्थक आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की मौत में भारत की संलिप्तता का भी आरोप लगाया गया है। गौरतलब है कि खालिस्तान समर्थक समूह सिख फॉर जस्टिस के महाधिवक्ता द्वारा लगाए गए आरोप अदालत में साबित नहीं हुए हैं और वाशिंगटन में भारतीय दूतावास ने फिलहाल इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। मुकदमे में पन्नून ने आरोप लगाया कि निज्जर की हत्या में शामिल बंदूकधारियों ने खालिस्तान समर्थक आतंकवादी को हुत करीब से 34 बार गोली मारी। पन्नुन के वकील मैथ्यू बोर्डेन ने कनाडाई समाचार आउटलेट को बताया कि निज्जर को मारने में सफल रहे और यही बात पन्नुन के साथ भी होती। वकील ने आगे कहा कि गुप्ता ने जिस व्यक्ति को काम पर रखने रखा था वो एक अंडरकवर अमेरिकी एजेंट था। निज्जर की 18 जून, 2023 को एक सिख गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद, चार भारतीय नागरिकों पर प्रथम श्रेणी की हत्या और हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है। इस हत्या ने भारत और कनाडा के बीच एक बड़े कूटनीतिक विवाद को जन्म दिया। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 2023 में संसद को बताया कि विश्वसनीय खुफिया जानकारी ने हत्या को भारत सरकार से जोड़ा है, जिसके बाद मामला और बिगड़ गया। भारत ने निज्जर और पन्नुन दोनों मामलों में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया और कनाडाई प्रधानमंत्री के आरोपों को बेतुका बताया।