नई दिल्ली एजेंसी। गुजरात में भारी बारिश के कहर के बीच गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने राहत एवं बचाव कार्यों को लेकर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से टेलीफोन पर बातचीत की। पटेल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि केंद्र सरकार ने सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है। गुजरात के मुख्यमंत्री ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में भारी बारिश की स्थिति को लेकर मुझसे फोन पर बातचीत की और राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने नागरिकों के जीवन और पशुधन की सुरक्षा पर मार्गदर्शन प्रदान किया।
पटेल ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री के दिल में गुजरात के लोगों के प्रति गहरा स्नेह है और वह राज्य की स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात को केंद्र सरकार की ओर से सभी आवश्यक समर्थन और सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया गया। प्रधानमंत्री गुजरात की चिंता कर लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं। उनके दिल में गुजरात के लोगों के प्रति गहरा स्नेह है। प्राकृतिक आपदाओं के दौरान और जब भी जरूरत होती है, वे हमेशा गुजरात और गुजरात के लोगों के साथ खड़े रहते हैं, गर्मजोशी और अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि मंगलवार को सीएम पटेल ने राज्य भर में भारी बारिश के जवाब में किए जा रहे राहत और बचाव प्रयासों की समीक्षा करने के लिए गांधीनगर में राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) से एक वीडियो कॉन्फ्रेंस की। विज्ञप्ति के अनुसार, पटेल ने बैठक के दौरान लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शीघ्र स्थानांतरित करने, बचाव कार्यों, आवश्यक आपूर्ति की उपलब्धता और राहत रसोई की व्यवस्था के संबंध में जिला कलेक्टरों और नगर निगम आयुक्तों से विस्तृत रिपोर्ट भी प्राप्त की। गुजरात के विभिन्न हिस्सों में बारिश से संबंधित घटनाओं में कम से कम सात लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। वहीं विभिन्न जिलों में प्रशासन द्वारा बड़े पैमाने पर राहत एवं बचाव अभियान चलाकर 15,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया और 300 से अधिक लोगों को बचाया गया। अधिकारियों ने बताया कि गुजरात में मंगलवार को लगातार तीसरे दिन भारी बारिश का दौर जारी रहा, जिससे आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया और निचले इलाकों में बाढ़ आ गई।
उन्होंने बताया कि लगातार बारिश के कारण बांधों और नदियों का जलस्तर बढ़ने के मद्देनजर 15 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है।