नई दिल्ली एजेंसी। कोलकाता में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के कथित बलात्कार और हत्या के मामले को लेकर एम्स समेत प्रमुख अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर बुधवार को हड़ताल पर रहे, जिससे दो सप्ताह तक वैकल्पिक सेवाएं बाधित रहीं।
इससे पहले, एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर देश भर में स्वास्थ्य सेवा कर्मियों और संस्थानों की सुरक्षा के लिए अध्यादेश के माध्यम से एक केंद्रीय कानून बनाने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की थी। एम्स प्रशासन ने बुधवार को प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से काम पर लौटने का आग्रह किया क्योंकि ओपीडी सेवाएं लगातार दूसरे सप्ताह भी प्रभावित रहीं। बंगाल में कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ कथित बलात्कार और हत्या की घटना के विरोध में जूनियर चिकित्सकों का प्रदर्शन बुधवार को 13वें दिन भी जारी रहा, जिससे सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं बुरी तरह प्रभावित रहीं। अधिकारियों ने बताया कि कई अस्पतालों में जूनियर चिकित्सकों के स्थान पर वरिष्ठ चिकित्सकों को ड्यूटी पर आने के लिए कहा गया है। कोलकाता के एक अस्पताल में एक प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ कथित बलात्कार और हत्या की घटना के विरोध में अनिश्चितकालीन हड़ताल के 10वें दिन बुधवार को दिल्ली के रेजीडेंट डॉक्टर जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे। इन प्रदर्शनों के कारण शहर के कई सरकारी अस्पतालों में वैकल्पिक सेवाएं निलंबित हैं। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), जीटीबी, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज एवं संबद्ध अस्पताल, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज और उससे जुड़े अस्पतालों ने मौन प्रदर्शन में भाग लेने का अनुरोध करते हुए अलग-अलग बयान जारी किए हैं।