नई दिल्ली एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर से कथित बलात्कार और हत्या के मामले में सुनवाई के दौरान ममता बनर्जी सरकार को फटकार लगाई. स्थिति को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल टास्क फोर्स का गठन किया है और कहा कि देश एक और रेप का इंतजार नहीं कर सकता। बंगाल सरकार से अस्पताल पर हंगामे की जांच रिपोर्ट मांगी। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हम अदालत का सहयोग करना चाहते हैं। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से पेश हुए हैं। सुनवाई के दौरान डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि ये सिर्फ कोलकाता में हत्या का मामला नहीं, ये मुद्दा देशभर में डॉक्टरों की सुरक्षा का है।
अदालत ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लिया है. प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ इस मामले पर सुनवाई कर रही है.। दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर स्वतरू संज्ञान मामले में उसे भी पक्षकार बनाए जाने का अनुरोध किया है। मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त को होगी। टास्कफोर्स चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा, भलाई और अन्य संबंधित मामलों पर विचार करेगी। लिंग आधारित हिंसा को रोकना, इंटर्न, रेजिडेंट, नॉन रेजिडेंट डॉक्टरों के सम्मानजनक कामकाज के लिए राष्ट्रीय योजना तैयार करना होगा। कमिटी इन विषयों पर भी अपनी रिपोर्ट देगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश एक और हत्या रेप मामले का इंतजार नहीं कर सकता. राज्य सरकार ये सुनिश्चित करें कि जो लोग तोड़फोड़ में शामिल थे उनके खिलाफ करवाई करे ।