लखनऊ एजेंसी। लखनऊ में पीजीआई की महिला डॉक्टर से 2.8 करोड़ की ठगी हुई है। ठगों ने ब्ठप् अफसर बनकर उन्हें फंसाया। 6 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा। 7 अलग-अलग खातों में पैसे ट्रांसफर कराए। डॉक्टर से कहा- आपका नाम जेट एयरवेज के मालिक के मनी लॉन्ड्रिग केस में आया है। बचना चाहती हैं तो पैसे ट्रांसफर करिए। पैसे भेजने के बाद भी ठग की डिमांड बढ़ती गई, तब महिला डॉ. को ठगी का शक हुआ। पीड़िता ने 10 अगस्त को साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई, लेकिन मामला मंगलवार को सामने आया। कृष्णानगर निवासी डॉ.रुचिका ने पुलिस को बताया- 1 अगस्त को अनजान नंबर से कॉल आई। फोन करने वाले ने खुद को टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) का कर्मचारी बताया। कहा- आपके सारे मोबाइल नंबर बंद किए जा रहे हैं, क्योंकि आपके खिलाफ 22 बार शिकायत की गई। उसने मेरी मोबाइल से स्काइप एप डाउनलोड करवाया। कहा कि अब आपसे सीबीआई अफसर राहुल बात करेंगे। उसने वीडियो कॉल से राहुल से बात करवाई। इस दौरान राहुल ने मुझसे कहा- आपका नाम जेट एयरवेज के मालिक के मनी लॉन्ड्रिंग केस में आया है। इसमें आपका बैंक अकाउंट यूज हुआ है, जिसका पैसा वूमैन और चाइल्ड ट्रैफिकिंग में इस्तेमाल हुआ है। कोर्ट के पास आपके खिलाफ सबूत हैं। आपकी ऑडियो रिकार्डिंग भी है। कोर्ट में समिट करने के लिए आपको कुछ सूचना देनी होगी। इसके लिए उसने मुझे एक फॉर्म भेजा। कहा कि इसे भरकर भेजें दे। ठग ने कहा कि आपको अरेस्ट करने का ऑर्डर मिला है, लेकिन मेरी रिक्वेस्ट पर आपको डिजिटल अरेस्ट कर पूछताछ कर सकते हैं, लेकिन परिवार से इस बारे में कुछ भी बताना नहीं है। ठग की डिमांड बढ़ती गई, तब ठगी का एहसास हुआ आपको कोर्ट में अपनी प्रॉपर्टी की डिटेल देना होगी। पूरा पैसा एक सरकारी खाते में जमा करना है, जिसकी जांच होगी। इसके बाद उसने धीरे-धीरे सारे पैसे अपने अलग-अलग अकाउंट में ट्रांसफर करा लिए। लेकिन उसकी मांग बढ़ती जा रही थी। 6 दिन डिजिटल अरेस्ट होने के बाद मुझे फ्रॉड का एहसास हुआ, लेकिन मैं बहुत डर गई थी। घरवालों से बात करने के बाद 10 अगस्त को मुकदमा दर्ज करवाया।