मेरठ। नगर निगम में भाजपा के राज्यसभा सदस्य डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी शनिवार को अचानक पहुंच गए।
जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनाने में चल रहे खेल को लेकर लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने काफी नाराजगी जताई। अफसरों से उन्होंने कहा कि आज साथ लेकर जाऊंगा या थाने में जाऊंगा या थाने वो जाएंगे, कहा आज मैं बिल्कुल भी छोड़ने के मूड में नहीं हूं किसी को भी। लिखकर दो कि ये काम तुम नहीं कर सकते: कहा कि अनीस नामक कर्मचारी को एक कागज दिया है, उसे कागज दिए 20 मिनट हो गए। लेकिन अब तक उसने कागज की हिस्ट्री नहीं चैक की है, कंप्यूटर में देखकर आधार कार्ड नंबर फीड करके डॉक्यूमेंट की डिटेल निकालना है लेकिन उसको भी देखने में कर्मचारी आनाकानी कर रहे हैं। वहीं मौके पर अपर नगरायुक्त से उनकी बहस भी हुई। अफसर को डांटते हुए अपर नगरायुक्त से कहा कि आप मुझे लिखकर दो कि ये मेरा काम नहीं है मेरे बस का काम नहीं है मैं लेकर जाऊंगा। काफी देर तक मौके पर बहस होती रही। फौजी की पिटाई पर भड़के: बता दें कि दो दिन पहले नगर निगम में एक फौजी अपनी बेटी के जन्म प्रमाणपत्र में कुछ करेक्शन कराने आया था। लेकिन निगम के कर्मचारियों ने उसका काम करने के बजाय उसे गिरा गिराकर पीटा। इसका वीडियो भी सामने आया था। फौजी ने पूरे मामले की शिकायत की थी। इस बात पर भड़कते हुए लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि एक फौजी का काम भी नगर निगम के अफसर, कर्मचारी नहीं कर रहे। फौजी जो देश की सीमा कर रहा है उसका काम करने में भी तुम्हें जोर पड़ता है। उससे भी भ्रष्टाचार करना है। कहा कि ये योगी, मोदी की सरकार है यहां ये भ्रष्टाचार नहीं चलेगा। 6 महीने से लटका आवेदन 2 मिनट में बना प्रमाणपत्र डॉ. वाजपेयी ने कहा कि मेरे सामने एक व्यक्ति ने कहा कि वो पिछले 6 महीने से जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के लिए भटक रहा है। निगम दफ्तर में छह महीने से उसका आवेदन पेंडिंग में हैं। जब मैंने अफसरों से इसका जिक्र किया तो तुरंत 2 मिनट में उसका सर्टिफिकेट का प्रिंट निकालकर दे दिया। अगर मैं नहीं कहता तो उसे ये लोग और टरकाते रहते या उससे कागज बनाने का पैसा वसूलते। मैं हर आदमी की सिफारिश नहीं कर सकता। इसका मतलब तुम लोग उससे पैसा वसूलोगे।
लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने भ्रष्टाचार पर ये भी कहा लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि कई साल बाद मजबूर होकर आज मुझे नगर निगम के दफ्तर में आना पड़ा है। 8 दिन पहले यहां एक फौजी जन्म प्रमाणपत्र बनवाने आया था लेकिन कर्मचारियों ने मिलकर उसे पीटा। अब तक फाइल दौड़ रही है उन कर्मचारियों की पहचान होने के बाद भी उन पर एक्शन नहीं हुआ। जन्म मृत्यु पंजीयन का भ्रष्टाचार चरम पर है। यहां एक डॉक्टर हैं गजेंद्र जो कहते हैं ये मेरा काम नहीं है। तो वो इस्तीफा दें और दूसरी सर्विस में जाएं। कहा अगर काम नहीं कर सकते तो सीएमओ में जाएं वहां काम करें, यहां जबरन काम लिया जा रहा है उनसे तो काम छोड़ें। यहां जो आएगा वो काम करेगा। लेकिन ये कोई तर्क नहीं कि यहां जब तक रजिस्ट्रार का चार्ज रहेगा तो बेईमानी होती रहेगी। कहा नगर निगम के अफसरों को पैसे दो, इसी पैसे से इनके कुत्ते यहां सो रहे हैं, इनके लड़के दून स्कूल में पढ़ रहे हैं, ये नहीं सुधरेंगे। आम जनता से उत्पीड़न सहेंगे नहीं, हम इनकी नौकरी करना हराम कर देंगे। छतरी पीर से घंटाघर तक कुल 28 मीटर सड़क बन रही है लेकिन नगर निगम की लापरवाही के कारण सड़क नहीं बन पा रही। 24 करोड़ रुपया बर्बाद होता रहेगा, कुल 28 मीटर के कारण काम रुका रहेगा। मैंने कह दिया कि मुझे पटल परिवर्तन चाहिए किसी नेता के दबाव में पटल न बदला जाए ये भी बताएं। नगर निगम के हर विभाग, हर पटल पर ये खेल चल रहा है। दाल में नमक बराबर काली कमाई खाएं ये नहीं कि भ्रष्टाचार पर जनता की कमाई खा जाएं। अगर चार दिन में फौजी को पीटने वाले आरोपियों पर एक्शन नहीं हुआ तो जो अफसर एक्शन नहीं ले रहे हैं उन पर कार्यवाही हो जाएगी।