नई दिल्ली एजेंसी। उत्तराखंड में 1 अगस्त की रात भारी बारिश, लैंडस्लाइड और बादल फटने के बाद केदारनाथ यात्रा दो दिन के लिए रोक दी गई है। पैदल रूट पर लिनचोली, भीमबली में अलग-अलग जगह फंसे 5 हजार लोगों का रेस्क्यू किया गया। इसके लिए चिनूक और डप्-17 समेत 7 हेलिकॉप्टर की भी मदद ली गई। हालांकि, 300 तीर्थयात्री अभी फंसे हैं। उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण हरिद्वार, देहरादून, टिहरी, रुद्रप्रयाग और नैनीताल में अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य में 48 घंटे के लिए भारी बारिश का अलर्ट है। इधर, मौसम विभाग ने शुक्रवार (2 अगस्त) को 24 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। मध्य प्रदेश के 6 जिलों में भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।
राहत और बचाव में लगीं 72 टीमें: लैंडस्लाइड से रुद्रप्रयाग में गौरीकुंड से शुरू होने वाले 16 किमी के केदारनाथ ट्रैक घोड़ा पड़ाव, लिनचोली, बड़ी लिनचोली और भीमबली में पूरी तरह नष्ट हो गया है। रामबाड़ा के पास दो पुल भी बह गए। जिला प्रशासन ने दो हेल्पलाइन नंबर – 7579257572 और 01364-233387 और एक आपातकालीन नंबर 112 भी जारी किया है।
1 अगस्त को हिमाचल प्रदेश में 5 जगह बादल फटने से 53 लोग लापता हो गए। इनमें से 5 के शव बरामद कर दिए गए, जबकि 48 लोग अभी भी लापता हैं। उनकी तलाश में छक्त्थ्, ैक्त्थ्, पुलिस और होम गार्ड जवान सर्च ऑपरेशन चलाए हुए हैं। शिमला के समेज में रेस्क्यू दल को अब तक कामयाबी नहीं मिल पाई।
यहां लापता 36 लोगों में से एक का भी अब तक सुराग नहीं लग पाया। एक व्यक्ति के शरीर के कुछ अंग जरूर मिले हैं।
शिमला के रामपुर में शुक्रवार 2 अगस्त की सुबह 6 बजे से छक्त्थ् और ैक्त्थ् की टीमों ने रेस्क्यू ऑपरेशन दोबारा शुरू किया।
शिमला के रामपुर में शुक्रवार 2 अगस्त की सुबह 6 बजे से छक्त्थ् और ैक्त्थ् की टीमों ने रेस्क्यू ऑपरेशन दोबारा शुरू किया।
मंडी की चौहारघाटी के राजबन गांव में भी 3 परिवार के 7 लोग अभी भी लापता हैं। 3 शव बरामद कर लिए गए हैं। कुल्लू के बागीपुल में भी एक ही परिवार के 5 सदस्य सहित 7 लोग लापता थे। इनमें महिला समेत 2 के शव मिल चुके हैं, जबकि 5 अभी भी लापता हैं।