वायनाड एजेंसी। केरल के वायनाड में 29-30 जुलाई की रात 2 बजे से 4 बजे के बीच लैंडस्लाइड की 4 घटनाएं हुई थीं। चार गांव बह गए थे। हादसे के चौथे दिन सेना ने 4 लोगों को जिंदा निकाला। इनमें दो महिला और पुरूष हैं। ये पदावेट्टी कुन्नू में फंसे हुए थे। हादसे में अब तक मरने वालों की संख्या 313 हो गई है। 130 लोग अस्पताल में हैं, जबकि हादसे के चार दिन बाद भी 206 लोग लापता हैं। सेना अब मोबाइल के लास्ट लोकेशन के हिसाब से लोगों को ढूंढ़ने का काम कर रही है। आर्मी के जनरल ऑफिसर कमांडिग मेजर जनरल वीटी मैथ्यू ने कहा कि मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांवों में रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो चुका है। अब केवल डेडबॉडी ढूंढ़ी जा रही हैं।मौसम विभाग ने 2 अगस्त को वायनाड में बारिश का अलर्ट जारी किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने रेस्क्यू टीम की सराहना की: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी गुरुवार देर रात (भारतीय समय अनुसार) हादसे पर दुख जताया। उन्होंने कहा- इस कठिन समय में हम भारत के साथ हैं। रेस्क्यू में जुटे लोगों की हम सराहना करते हैं। राहुल बोले- पिता के निधन का दिन याद आया: राहुल गांधी और प्रियंका गांधी 1 अगस्त को वायनाड पहुंचे थे। दोनों ने प्रभावित लोगों से बात की। चूरलमाला और मेप्पाडी में एक अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की मॉर्चुरी भी पहुंचे। आज शुक्रवार को भी राहुल गांधी वायनाड में रहेंगे। यहां राहत कार्य को लेकर पार्टी नेताओं और मेप्पाड़ी ग्राम पंचायत के डेलिगेशन से मिलेंगे। राहुल ने कहा- यह देखना दुखद है कि कितने लोगों ने अपने परिवार और घरों को खो दिया है। आज मुझे वैसा ही महसूस हो रहा है, जैसा मेरे पिता के निधन के समय हुआ था। राहुल वायनाड और रायबरेली से लोकसभा चुनाव जीते थे। उन्होंने वायनाड सीट छोड़ दी थी। अब प्रियंका वायनाड से चुनाव लड़ने वाली हैं।
प्रभावित एरिया को 6 जोन में बांटा, 40 टीमें सर्च ऑपरेशन चला रही: वायनाड कलेक्टर मेघश्री ने कहा- लैंडस्लाइड में सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके मुंडक्कई और चूरलमाला को 6 जोन में बांटा गया है। यहां रेस्क्यू टीम डॉग स्क्वॉड के साथ लापता लोगों और शवों को खोजने के लिए सर्च ऑपरेशन चला रही है। इसमें आर्म्ड फोर्सेज और पुलिस की 40 टीमें शामिल हैं।
केरल के मंत्री बोले- 9328 लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाया गया: केरल के रेवेन्यू मंत्री के राजन ने गुरुवार को कहा अब तक 9328 लोगों को 91 रिलीफ कैंपों में सुरक्षित पहुंचाया गया है। इनमें से 578 परिवारों के 2328 लोग चूरलमाला और मेप्पाड़ी के हैं। यहां सबसे ज्यादा तबाही हुई थी।