मेरठ । खानपान की गड़बड़ी, खराब जीवनशैली कई रोगों का कारण बनती है। यह शरीर के प्रमुख अंग लिवर को भी नुकसान पहुंचाती है। इसके कारण लिवर में हेपेटाइटिस रोग हो जाता है। हेपेटाइटिस रोग से दुनियाभर के लाखों लोग शिकार होते हैं।
जानकारी होने पर हमलोगों को इंतजार नहीं करना चाहिए। एक्शन लेना चाहिए, क्योंकि हेपेटाइटिस किसी का इंतजार नहीं करता है। यह बाते महावीर विश्वविद्यालय में महावीर आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल प्रोफेसर अनुपम सिंह ने विश्व हेपेटाइटिस दिवस को लेकर आयोजित कार्यक्रम में कही।
हर साल 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस बनाया जाता है कावड़ यात्रा के चलते शुक्रवार से दो अगस्त तक कॉलेज की छुट्टियां पड़ रही है ऐसे में बृहस्पतिवार को ही विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाया गया।
प्रिंसिपल प्रोफेसर अनुपम सिंह ने विश्व हेपेटाइटिस दिवस का महत्व छात्रों को बताते हुए कहा कि वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे का उद्देश्य लिवर की बीमारी हेपेटाइटिस के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाना है। वायरल हेपेटाइटिस संक्रामक रोगों का एक समूह है, जिसे हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, हेपेटाइटिस डी और हेपेटाइटिस ई के रूप में जाना जाता है। प्रत्येक प्रकार के वायरल हेपेटाइटिस के लिए एक अलग वायरस जिम्मेदार होता है। यह दिवस इस रोग की रोकथाम, निदान और उपचार को प्रोत्साहित करता है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि हेपेटाइटिस से कैसे बचें?
बचाव के लिए हमेशा स्टरलाइ इंजेक्शन का प्रयोग करने, खुद के रेजर और ब्लेड का प्रयोग करने, टैटू के समय या शरीर में चुंभने वाली औजारों से सतर्क रहने, बच्चों को हेपेटाइटिस बी का टीका लगवाने, डॉक्टर की राय से एंटीबॉडीज के लिए इम्युनोग्लोब्युलिन का इंजेक्शन लेने की सलाह दी।
कार्यक्रम में बीएएमएस की प्रिंसिपल प्रो.अनुपम सिंह , प्रो. एससी चौहान, प्रो. केपी सिंह, प्रो. राजीव श्रीवास्तव, डॉ प्रियंका सिंह, डॉ निशा शर्मा, डॉ संदीप, डॉ रिंकी, डॉ गुलफाम, डॉ अखिलेश, डॉ निवेदिता व छात्र-छात्रायें सहित बड़ी संख्या में उपस्थित रहें।