मेरठ। भारत के वास्तविक इतिहास के पक्षो को तथ्यपरक विश्लेषण के साथ स्थानीय इतिहास लेखन के माध्यम से प्रकाश में लाकर षडयंत्र पूर्वक ऐतिहासिक तथ्यों को भ्रमित करने की सुनिश्चित षड्यंत्रकारी योजनाओं का सामना किया जा सकता है ।
इसके लिए योजनाबद्ध तरीके से ग्रास रूट लेवल पर सर्वेक्षण के माध्यम से टीमवर्क के रूप में कार्य करना होगा। तभी हम भारत के गौरवशाली सांस्कृतिक ऐतिहासिक धरोहर को वास्तविक अर्थों में उसके उचित स्थान पर पहुंचा सकते हैं। यह लक्ष्य कठोर परिश्रम और सतत रूप से कार्य करके अपने उद्देश्यों को पाने में निश्चित रूप से हम सफल होंगे । ये विचार संजय कुमार मिश्र राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना नई दिल्ली ने भारतीय इतिहास संकलन समिति मेरठ प्रांत की चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग स्थित वीर बदा बैरागी सभागार में प्रांतीय कार्यकारिणी बैठक के दौरान व्यक्त किये।
संजय कुमार ने कहा कि भारत के इतिहास को सुनिश्चित योजना के तहत भ्रमित और मनगढ़ंत दर्शाया पढ़ाया और लिखा गया है उसके वास्तविक पक्षों को न केवल जन सामान्य बल्कि पाठ्यक्रम में लाना अत्यंत आवश्यक है ताकि भावी पीढ़ी में भारत के इतिहास के वास्तविक पक्ष से परिचित होकर स्वाभिमान की भावना जागृत हो सके।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ इतिहासकार एवं अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना नई दिल्ली की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य प्रोफेसर विघ्नेश कुमार ने मेरठ प्रांत द्वारा किए गए विगत में कार्यों का उदाहरण देते हुए कहा कि एक बार फिर मेरठ प्रांत अखिल भारतीय स्तर पर टॉप फाइव प्रांतो में सम्मिलित होने के लिए भरसक प्रयास होने चाहिए। इस कार्यक्रम में प्रोफेसर अनिता राठी ,अजय कुमार शर्मा , एन के गर्ग , लोकेश कुमार कृपाल सिंह ,,मनोज महत ,अमित एवं दीपक ने भाग लिया ।