मेरठ। 22 जुलाई से शुरू होने जा रही कांवड़ यात्रा को लेकर अफसरों के दौरों में कोई कमी नहीं है। तैयारियों और उनके निरीक्षण के नाम पर जनपद के पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों के अलावा सिस्टम चलाने वाले दूसरे महकमों के तमाम अफसरों की गाड़ियां दौड़ रही हैं। कांवड़ यात्रा को लेकर मेरठ के अफसर ही नहीं बल्कि शासन में बैठे अफसरों का भी सबसे ज्यादा जोर कांवड़ मार्ग को यात्रा शुरू होने से पहले दुरुस्त कर लेने व वहां से करोड़ों की संख्या में गुजरने वाले कांवड़ियों के लिए तमाम जरूरी सुविधाएं मुहैय्या कराने पर है।
इसी क्रम में पिछले दिनों कांवड़ यात्रा की समीक्षा को मेरठ पहुंचे सूबे के डीजीपी व मुख्य सचिव ने भी कांवड़ यात्रा मार्ग का निरीक्षण किया था। साथ ही समीक्षा बैठक में यह हिदायत दी थी कि जो काम अभी बाकी है। उसको पूरा कर लिया जाए। कांवड़ पटरी मार्ग की हालत का जायजा लेने के लिए शुक्रवार को जनवाणी की टीम पहुंची तो पाया कि काम तो हुआ, लेकिन दावों के मुताबिक नहीं। अफसरों के दावों और जमीनी हकीकत में भारी अंतर साफ नजर आ रहा है।
कांवड़“ यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में नहर पटरी मार्ग से होकर कांवड़िया गुजरते हैं। नहर पटरी मार्ग अनेक स्थानों से क्षतिग्रस्त है। रोड उधड़ी हुई है। इसकी मरम्मत के नाम पर जो पेंचवर्क रोड पर कराया गया है, वो आधा अधूरा है। पेंच वर्क के नाम पर नहर पटरी मार्ग की सड़क के गड्ढे आधे भर कर छोड़ दिए गए हैं। जो भरे भी गए हैं वो भी टिकाऊ नजर नहीं आ रहे हैं। यदि भारी बारिश हो गयी तो पेंचवर्क उखड़ जाएगा। नहर पटरी मार्ग पर सड़क की यह दुर्दशा जनपद मुजफ्फरनगर सीमा तक जगह-जगह नजर आती है।
आसपास के लोगों ने बताया कि जब पेंचवर्क करने वाले लोग आए थे तो उन्हें कहा भी गया था कि जिस तरह से वो काम कर रहे हैं, वो शीघ्र ही उधड़ जाएगा। सरधना के सलावा की छोटी पुलिया बदहाल नजर आती है। उसकी दीवारें टूटी हुई हैं। यहां रहने वाले बसंत नाम के ग्रामीण ने बताया कि अनेक बार शिकायत की जा चुकी है, लेकिन अधिकारी सुनने को तैयार नहीं।