नई दिल्ली एजेंसी। तेज बारिश के कारण नेपाल-यूपी बॉर्डर के करीब 7 जिलों में बाढ़ जैसे हालात हैं। पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर और महराजगंज के करीब 800 गांव में 20 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें रेस्क्यू में जुटी हैं। यूपी की कई नदियां उफान पर हैं। दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर शाहजहांपुर में करीब 2 से 3 फीट पानी भर गया है। इस कारण हाईवे का एक हिस्सा बंद कर दिया गया है। गाड़ियों को डाइवर्ट करके निकाला जा रहा है। शाहजहांपुर के मेडिकल कॉलेज में भी पानी भरने के बाद मरीजों को शिफ्ट कर दिया गया था। उधर, उत्तराखंड में लगातार पांच दिन से हो रही बारिश और भूस्खलन के कारण 200 सड़कें बंद हैं। सबसे खराब हालात बद्रीनाथ रूट पर है, जहां 22 जगह लैंडस्लाइड से चार धाम यात्रा मार्ग 3 दिन से बंद है। 4 हजार श्रद्धालु सड़कों पर फंसे हैं।
मुंबई में देर रात और सुबह तेज बारिश के कारण सड़कों और रेलवे ट्रैक पर पानी भर गया। ट्रेन और फ्लाइट सर्विस भी प्रभावित हुई हैं। इंडिगो एयरलाइंस ने भी एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि फ्लाइट्स के टेक-ऑफ में देरी हो सकती है। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में नदियों में बाढ़ आ गई है। शाहजहांपुर में छक्त्थ् को रेस्क्यू के लिए लगाया गया है। पीलीभीत के डैम से छोड़े पानी के बाद गर्रा नदी उफान पर है। इससे शाहजहांपुर के 70 गांवों में बाढ़ आ गई है। यहां 4 से 5 फीट तक पानी भर गया है। लोग अपना घर छोड़ चुके हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि 2008 के बाद ऐसी बाढ़ आई है।
बद्रीनाथ रूट पर लैंडस्लाइड के कारण दोनों तरफ लंबा जाम लगा है। सड़कों पर गाड़ियों की लंबी कतारें दूर से ही दिख जाएंगी। हालांकि, प्रशासन की टीमें तेजी से मलबा हटा रही हैं। बद्रीनाथ में एक दिन पहले उप चुनाव की वोटिंग हुई थी। यहां से लौट रही 36 पोलिंग पार्टियों को गुरुवार को मलबे के बीच से पैदल निकाला गया।