इंफाल/गुवाहाटी एजेंसी। मणिपुर में हिंसा के कारण 67 हजार लोग विस्थापित हुए हैं। असम में बाढ़ के कारण 27 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं।
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सोमवार को असम और मणिपुर के दौरे पर हैं। राहुल सुबह 10 बजे पहले असम के सिलचर पहुंचे। उन्होंने फुलेरताल के थलाई इन यूथ केयर सेंटर में राहत शिविर का दौरा किया। यह इलाका हिंसा प्रभावित मणिपुर से लगा हुआ है।
राहुल असम में 1 घंटे रुकने के बाद करीब 12 बजे मणिपुर के जिरिबाम पहुंचे। राहुल के मणिपुर आने से पहले रात 3रू30 बजे जिरिबाम के फिटोल गांव में उपद्रवियों ने सुरक्षाबलों के कैस्पिर वैन (एंटी लैंड माइन वैन) पर फायरिंग की। उन्होंने एक फायर ब्रिगेड के वाहन को भी निशाना बनाया। सुरक्षाबलों ने 2 लोगों को गिरफ्तार किया है। शाम 6 बजे राजभवन में गवर्नर से मुलाकात करेंगे। पूरे दिन के घटनाक्रम को लेकर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में शाम 6.40 बजे मीडिया से बात करेंगे।
मणिपुर हिंसा के कारण 67 हजार लोग विस्थापित हुए
मणिपुर की आबादी करीब 38 लाख है। यहां तीन प्रमुख समुदाय हैं- मैतेई, नगा और कुकी। मैतई ज्यादातर हिंदू हैं। नगा-कुकी ईसाई धर्म को मानते हैं। ैज् वर्ग में आते हैं। इनकी आबादी करीब 50ः है। राज्य के करीब 10ः इलाके में फैली इंफाल घाटी मैतेई समुदाय बहुल ही है। नगा-कुकी की आबादी करीब 34 प्रतिशत है। ये लोग राज्य के करीब 90ः इलाके में रहते हैं। मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें भी जनजाति का दर्जा दिया जाए।
समुदाय ने इसके लिए मणिपुर हाई कोर्ट में याचिका लगाई। समुदाय की दलील थी कि 1949 में मणिपुर का भारत में विलय हुआ था। उससे पहले उन्हें जनजाति का ही दर्जा मिला हुआ था। इसके बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से सिफारिश की कि मैतेई को अनुसूचित जनजाति में शामिल किया जाए।