मेरठ। लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज मेरठ के न्यूरोलॉजी विभाग में पहली बार बोटॉक्सी थेरेपी की गई है।
यह विशेष थेरेपी पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं मेरठ के लिए बड़ी उपलब्धि है। यह विशेष थेरेपी दिमाग की कई बीमारियों जैसे लकवे के बाद हाथ पैर में होने वाली अकड़न, गर्दन में होने वाली अकड़न, चेहरे की मांसपेशियों का फड़कना, हाथों पैरो के कंपन, लंबे समय से हो रहे माइग्रेन, हाथो में ज्यादा पसीना आना, सभी प्रकार के मूवमेंट डिसऑर्डर जो दवाई से ठीक नहीं हो पा रहे हो के इलाज में अत्यंत उपयोगी है।
डॉ दीपिका सागर ने बताया कि बोटॉक्स थेरेपी उन मरीजो के लिये वरदान साबित होगी जो काफी लंबे समय से मूवमेंट डिसऑर्डर से पीड़ित है तथा जिन्हें दवाई से ज्यादा लाभ नहीं मिल पाता है।
उन्होंने यह भी बताया कि सेरेब्रल पैलसी की मरीज जो चलने फिरने में अकड़न के कारण असमर्थ होते है, उन मरीजो में भी यह थेरेपी कारगर है। इस थेरेपी का प्राइवेट अस्पतालों में खर्च लाखों में होता है जबकि लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज
मेरठ में यह काफी कम खर्चे में हो जाता है।
यह थेरेपी मेडिकल कॉलेज में न्यूरोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ दीपिका सागर द्वारा दो मरीजो पर की गई है, मरीज को दिमागी टीबी के कारण उल्टे हाथ में अकड़न हो गई थी, जिसके वजह से वे अपना हाथ नहीं खोल पाती थी। मरीज पिछले 3-4 साल से काफी परेशान था। काफी डॉक्टरो को दिखाने के बाद भी कोई आराम नहीं मिल पा रहा था। मरीज सरोज निवासी बुलन्दशहर को सीधी आँख के अकड़न और फड़कने की बीमारी थी। जिसके कारण उसको आँख खोलने में काफी दिक्कत होती थी और आँख अपने आप बंद हों जाती थी। दोनों मरीजो को इस थेरेपी से काफी आराम हुआ है। प्रधानाचार्य डॉ आर सी गुप्ता ने न्यूरोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ दीपिका सागर को उपलब्धि हेतु बधाई दी।