मेरठ। मेरठ कॉलेज मेरठ के संस्कृत विभाग को भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद से रिसर्च कार्यक्रम 2024 के अंतर्गत 25 लाख की विशेष ग्रंथ प्राप्त हुई है जिसके अंतर्गत 2 साल की अवधि में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में आने वाले विभिन्न वैदिक गुरुकुलों की ऐतिहासिक व सांस्कृतिक विरासत का अध्ययन किया जाएगा।
प्रेस वार्ता के दौरान यह
जानकारी देते हुए मेरठ कॉलेज के सचिव डॉक्टर ओ पी अग्रवाल, प्राचार्य अंजलि मित्तल ने बताया रिसर्च कार्यक्रम 2024 की ग्रांट के लिए देशभर से 1000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे जिसमें 51 विषयों को चयनित किया गया और मेरठ कॉलेज मेरठ का क्रम उनमें 13 है शोध कार्यक्रम के मुख्य गवेषक व विभागाध्यक्ष प्रो. वाचस्पति मिश्र ने बताया कि भारतीय ज्ञान परंपरा के संवाहक के रूप में वैदिक गुरुकुल प्राचीन काल से लेकर आज भी कार्य कर रहे हैं ।
वहां पर अनेक छात्र-छात्राएं अध्ययन कर रहे हैं जो गुरुओं के सानिध्य में रहकर अपने जीवन का निर्माण करते हैं तथा देश सेवा के लिए तैयार होते हैं प्रारंभ में इन गुरुकुलों की क्या स्थिति थी कितने छात्रों से यह गुरुकुल प्रचलित हुई और यहां से पढ़कर के छात्र किन विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं यहां पर कौन-कौन सी विद्याएं पठन-पाठन के साथ छात्रों को दी जाती हैं इत्यादि का अध्ययन किया जाएगा।
सहगवेषक डॉ. अरविंद कुमार ने बताया की विभिन्न गुरुकुलों के अध्ययन से हमारे आधुनिक शिक्षा प्रणाली को भी कुछ दिया जा सकता है आज शिक्षक छात्र संबंध परिवर्तित हुई है छात्र अवसादग्रस्त होने लगे हैं छात्रों के दिनचर्या अनियमित है ऐसे समय में प्राचीन परंपरा के संवाहक वैदिक गुरुकुलों के अध्ययन से अनेक ऐसे बिंदु प्राप्त होंगे जो वर्तमान समय की आधुनिक शिक्षा प्रणाली को दिए जा सकते हैं जिसे आधुनिक शिक्षण परंपरा को भी
उत्कृष्ट बनाया जा सके । इसके लिए इस अवसर पर मेरठ कॉलेज मेरठ की प्राचार्य प्रोफेसर अंजलि मित्तल ने संस्कृत विभाग को बधाई व शुभकामनाएं दी इक एक की समन्वयक प्रो अर्चना सिंह ने भी साधुवाद दिया इस अवसर पर प्रो पंजाब से प्रो संदीप कुमार प्रो योगेश कुमार डॉक्टर मोनिका भटनागर डॉ सांत्वना शर्मा हरगुन साहनी पंकज भारती आदि उपस्थित रहे।
प्रेसवार्ता में अर्चना सिंह डॉक्टर युद्धवीर सिंह ,वाचस्पति मिश्र ,मोनिका भटनागर ,चंद्रशेखर भारद्वाज ,दीपक शर्मा मौजूद रहे।