
पोर्ट लुइस एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के राजकीय दौरे पर मॉरीशस पहुंच गए हैं। वे यहां 12 मार्च को मॉरीशस के 57वें राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगे। एयरपोर्ट पर मॉरीशस के च्ड नवीनचंद्र रामगुलाम ने उनका स्वागत किया। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर स्वागत के लिए मॉरीशस के पीएम का आभार जताया। इसके बाद मोदी पोर्ट लुईस में अपने होटल पहुंचे। यहां भारतीय प्रवासियों ने श्भारत माता की जयश् के नारे के साथ उनका स्वागत किया और तिरंगे लहराए। इसके बाद पीएम के स्वागत में मॉरीशस की महिलाओं ने पारंपरिक बिहारी ‘गीत गवई’ गाया। इस दौरान पीएम मोदी पारंपरिक भोजपुरी संगीत का आनंद लेते और ताली बजाते नजर आए। ‘गीत गवई’ भोजपुर क्षेत्र की महिलाओं का एक पारंपरिक लोकगायन है। इसके सांस्कृतिक महत्व को देखते हुए यूनिस्को ने दिसंबर 2016 में इसे सांस्कृतिक धरोहर की सूची में शामिल किया था। ‘गीत गवई’ भोजपुर क्षेत्र की महिलाओं का एक पारंपरिक लोकगायन है। इसके सांस्कृतिक महत्व को देखते हुए यूनिस्को ने दिसंबर 2016 में इसे श् सांस्कृतिक धरोहरश् की सूची में शामिल किया था। मोदी से मिलने के बाद भारतीय समुदाय के लोगों का रिएक्शन इस विजिट में च्ड मोदी दोनों देशों के आर्थिक और सुरक्षा संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे। 2015 के बाद भारतीय च्ड की यह दूसरी मॉरीशस यात्रा है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारतीय आर्मी की एक टुकड़ी, नौसेना का एक वॉरशिप और एयरफोर्स की आकाश गंगा स्काई डाइविंग टीम भी मॉरीशस के राष्ट्रीय समारोह में भाग लेगी। मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने कहा- हमारे देश के लिए ऐसे सम्मानित व्यक्तित्व की मेजबानी करना सौभाग्य की बात है, जो अपने बिजी कार्यक्रम के बावजूद हमारे यहां मुख्य अतिथि के तौर पर आने के लिए राजी हुए हैं। च्ड मोदी की यात्रा दोनों देशों के मजबूत रिश्तों का सबूत है। मोदी की इस यात्रा में ग्लोबल ट्रेड और अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव समेत कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात हो सकती है। इसके साथ ही डिफेंस, ट्रेड, कैपेसिटी बिल्डिंग और समुद्री सुरक्षा में सहयोग करने पर चर्चा होगी। भारत मॉरीशस का एक भरोसमंद साझेदार रहा है। 2022 में भारत डेवलपमेंट प्रोजेक्ट लिए मॉरीशस को करीब 1.1 अरब डॉलर की मदद दी थी। भारत मॉरीशस का एक भरोसमंद साझेदार रहा है। 2022 में भारत डेवलपमेंट प्रोजेक्ट लिए मॉरीशस को करीब 1.1 अरब डॉलर की मदद दी थी। हिंद महासागर में आपसी साझेदारी बढ़ाने पर होगी चर्चा विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि भारत और मॉरीशस के बीच साझेदारी का मुख्य उद्देश्य समुद्री सुरक्षा को बढ़ाना है। दोनों देश हिंद महासागर के रणनीतिक महत्व को पहचानते हैं। च्ड मोदी की यात्रा में भारत और मॉरीशस के बीच व्हाइट-शिपिंग जानकारी साझा करने को लेकर डवन् साइन हो सकता है। बता दें कि व्हाइट शिपिंग के अंतर्गत कॉमर्शियल, गैर-सैन्य जहाजों की पहचान और आवाजाही के बारे में सूचना का आदान-प्रदान किया जाता है। इससे समुद्री सुरक्षा मजबूत करने में मदद मिलती है। भारत ने फिर से चागोस द्वीप पर मॉरीशस के दावे का समर्थन किया मोदी की यात्रा से पहले भारत ने एक बार फिर चागोस द्वीप पर मॉरीशस के दावे का समर्थन किया है। भारतीय विदेश सचिव ने कहा- भारत चागोस द्वीप के लिए मॉरीशस के दावों का समर्थन करता है, क्योंकि यह वि-उपनिवेशीकरण की लंबी परंपरा का हिस्सा है जो भारत की विदेश नीति का हिस्सा है। चागोस द्वीप को लेकर ब्रिटेन और मॉरीशस के बीच लगभग 50 सालों से विवाद चल रहा था। भारत दोनों के बीच लंबे समय से इस समझौते की कोशिश कर रहा था। 5 महीने पहले भारत की मदद से दोनों पक्षों में समझौता हो गया। समझौते के मुताबिक 60 द्वीपों से मिलकर बना चागोस द्वीप मॉरीशस को दिया गया। चागोस द्वीप पर डिएगो गार्सिया आइलैंड भी है। यहां पर अमेरिका और ब्रिटेन ने जॉइंट मिलिट्री बेस बना रखा है। समझौते के मुताबिक 99 साल तक के लिए अमेरिका-ब्रिटेन का बेस यहां पर बना रहेगा।