
शाहगंज (जौनपुर) एजेंसी। जौनपुर में सोमवार को 10वीं की 10 छात्राओं ने परीक्षा छोड़ दी। उन्हें हिजाब उतारकर परीक्षा देने के लिए कहा गया था। लेकिन छात्राओं ने इनकार कर दिया। सेंटर से सीधे घर लौट आईं। पूरा मामला खुदौली स्थित सर्वोदय इंटर कॉलेज का है। केंद्र व्यवस्थापक दिनेश चन्द्र गुप्ता ने कहा, सेंटर में बड़ी संख्या में मुस्लिम छात्राएं हिजाब उतारकर परीक्षा दे रही थीं। चार छात्राओं ने हिजाब उतारकर परीक्षा देने से मना कर दिया और परीक्षा छोड़कर चली गईं। हिंदी का पेपर देने पहुंची थीं छात्राएं खेतासराय स्थित मॉडर्न कॉन्वेंट स्कूल का सेंटर सर्वोदय इंटर कॉलेज को बनाया गया है। स्कूल से कॉलेज की दूरी करीब 4 किमी है। सोमवार को पहली पाली में 10वीं की हिंदी का पेपर था। परीक्षा देने के लिए तमाम छात्र-छात्राएं कॉलेज पहुंचीं। मुस्लिम छात्राएं हिजाब में थीं। कॉलेज के गेट पर चेकिंग के बाद छात्र-छात्राओं को एंट्री दी जा रही थी। कई मुस्लिम छात्राएं अपना हिजाब उतारकर परीक्षा देने चली गईं। लेकिन चार छात्राएं हिजाब न उतारने पर अड़ गईं। हिजाब में परीक्षा देने को मिलेगी, तभी भेजेंगे: एक छात्रा के पिता अहमदुल्लाह ने कहा, आज सुबह बच्चियों का हिंदी का पेपर था। पता चला कि बच्चियां स्कूल नहीं जा रही हैं। बच्चियों ने बताया कि हिजाब में पेपर नहीं देने दिया जा रहा। इस पर मैंने बोला- आप लोगों के साथ चलता हूं। चार बच्चियों को लेकर स्कूल पहुंचा। सेंटर में जब एंट्री होने लगी तो बच्चियों को अंदर नहीं जाने दिया गया। गेट पर बोला गया कि आप लोगों को हिजाब उतार करके ही अंदर जाना है। तब मैंने वहां खड़े टीचर से कहा कि आप किसी लेडीज टीचर से चेकिंग करवा लीजिए, फिर बच्चियों को अंदर जाने दीजिए। लेकिन टीचर नहीं माने। बच्चियां बिना परीक्षा दिए ही घर चली आईं। अहमदुल्लाह ने कहा- अगर बच्चियों को हिजाब में पेपर देने दिया जाएगा तो हम बच्चियों को भेजेंगे। वरना नहीं भेजेंगे। उन्होंने बताया कि आज जैनब, फातिमा, मरियम, नायमा, उम्मेखौला, रुश्दा, जुबिया, हुमैरा, सिद्दीका, काशिफा ने अपनी परीक्षा छोड़ी है। कॉलेज प्रबंधक बोले- किसी छात्र को परीक्षा देने से नहीं रोका गया कॉलेज के प्रबंधक अनिल उपाध्याय ने बताया- किसी भी छात्रा को परीक्षा देने से नहीं रोका गया। एडमिट कार्ड का वेरिफिकेशन चेहरे से होना था, लेकिन छात्राओं ने नकाब हटाने से इनकार कर दिया। ऐसे में उन्हें एंट्री देना नियम विरुद्ध होता। नकाब नहीं हटाने की बात कहते हुए छात्राएं वहां से चली गईं। वहां तैनात स्टाफ ने उन्हें नहीं हटाया। ऐसे में यह कहना कि छात्राओं को कॉलेज प्रशासन ने परीक्षा देने से रोक दिया, गलत है। यह फोटो लखनऊ की है। सुबह शिक्षा मंत्री ने छात्र-छात्राओं को तिलक किया।
यह फोटो लखनऊ की है। सुबह शिक्षा मंत्री ने छात्र-छात्राओं को तिलक किया। छात्रों के मोजे उतरवाए, एडमिट कार्ड पर मेल की जगह फीमेल लिखा यूपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं सोमवार से शुरू हुई हैं। सुबह पहली पाली में 10वीं के स्टूडेंट्स ने हिंदी और सामान्य हिंदी का पेपर दिया। परीक्षा सुबह 8.30 से 11रू45 बजे के बीच कराई गई। दूसरी पाली में दोपहर 2 बजे से 12वीं के स्टूडेंट्स ने हिंदी और सामान्य हिंदी के पेपर दिए। वहीं, हाईस्कूल के छात्रों की हेल्थ केयर की परीक्षा हुई। परीक्षा शाम 5रू15 बजे खत्म हुई। एग्जाम सेंटर्स पर इतनी सख्ती थी कि कानपुर में छात्रों के मोजे तक उतरवा दिए। छात्राओं की हेयर क्लिप तक की जांच की गई। आगरा में यूपी बोर्ड की लापरवाही से हाईस्कूल के एक छात्र को परेशान होना पड़ा। छात्र के एडमिट कार्ड में उसका जेंडर गलत लिख दिया गया। स्कूल प्रशासन ने श्मेलश् की जगह श्फीमेलश् लिख दिया। लखनऊ में शिक्षा मंत्री गुलाब देवी एग्जाम सेंटर पहुंचीं। वहां इंतजाम चेक किए। बच्चों का टीका लगाकर उन्होंने सेंटर्स पर स्वागत किया। वाराणसी में बच्चों को एग्जाम से पहले मिठाई खिलाई गई। गोरखपुर में क्प्व्ै कंट्रोल रूम पहुंच गए। उन्होंने वहां परीक्षा की तैयारियां देखीं। पहली बार उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम-2024 के तहत कराई जा रही है। यूपी बोर्ड परिषद के सचिव भगवती सिंह बताते हैं- इस अधिनियम के तहत सॉल्वर गिरोह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। जिसमें 1 करोड़ रुपए जुर्माना और आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। प्रयागराज स्थित माध्यमिक शिक्षा परिषद मुख्यालय पर कंट्रोल रूम बनाया गया है। जहां से पूरे प्रदेश के सेंटरों की मॉनिटरिंग ब्ब्ज्ट के जरिए की जा रही है। वहीं, प्रयागराज में महाकुंभ मेले में भीड़ के चलते परीक्षा को कैंसिल किया गया है। 24 को होने वाला एग्जाम 9 मार्च को कराया जाएगा।