नई दिल्ली एजेंसी। संसद में आज (24 जुलाई) मानसून सत्र का तीसरा दिन है। कल वित्त मंत्री ने बजट पेश किया था। बुधवार को सुबह सदन शुरू होने से पहले विपक्ष के नेताओं ने संसद के बाहर केंद्र सरकार के बजट के विरोध में प्रदर्शन किया।
इंडिया ब्लॉक के नेताओं ने कहा- इस बजट से 90 प्रतिशत देश गायब है। सिर्फ बिहार और आंध्र प्रदेश को खुश किया गया है, क्योंकि
यहां के मुख्यमंत्रियों के भरोसे केंद्र की सरकार चल रही है। यह मोदी सरकार बचाओ बजट है।
लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद सदन में भी बजट को लेकर हंगामा हुआ।
प्रश्नकाल में राज्यसभा में चर्चा के दौरान विपक्ष के नेताओं ने वॉकआउट किया। वे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ शेम-शेम का नारा लगाते हुए सदन से बाहर चले गए।
विपक्ष के द्वारा बजट को भेदभाव वाला बताने पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा- बजट में सभी राज्यों का नाम लेने का मौका नहीं मिलता। कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष के नेता जानबूझकर ऐसे आरोप लगा रहे हैं, ताकि लोगों को लगे कि उनके राज्य को कुछ नहीं मिला। यह ठीक नहीं है।
चर्चा के दौरान राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सभापति से कहा- माताजी (वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण) बोलने में एक्सपर्ट हैं। इस पर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ बोले- वो माताजी नहीं, आपकी बेटी की उम्र के बराबर हैं।
प्रियंका बोलीं- बजट किसानों, गरीबों और मध्यम वर्ग के खिलाफ: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा- भाजपा सरकार का बजट किसानों, गरीबों और खासकर मध्यम वर्ग के खिलाफ है। इस बजट में केंद्र सरकार ने राज्यों के साथ भेदभाव किया है, जो देश के संघीय ढांचे के भी खिलाफ है। प्छक्प्। गठबंधन देश की जनता के साथ हो रहे हर अन्याय का डटकर मुकाबला करेगा और जनता की आवाज उठाता रहेगा। आज विपक्षी दलों के सांसदों ने इस अन्याय के खिलाफ संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया।
विपक्ष के आरोपों पर वित्त मंत्री बोलीं- ये अपमानजनक
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट को भेदभावपूर्ण बताने के विपक्ष के आरोपों पर कहा- यह अपमानजनक आरोप है। कांग्रेस और विपक्षी दल लोगों को गलत धारणा देने का प्रयास जानबूझकर कर रहे हैं। राज्यों को धन या योजनाएं आवंटित नहीं की गईं।