मेरठ में सपा नेता शुक्रवार को जिला जेल में विधायक रफीक अंसारी से मुलाकात करने पहुंचे।
सपा से शहर विधायक रफीक अंसारी 27 मई से जेल में बंद हैं। उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। लगातार कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करने और 27 साल पुराने एक मामले में सुनवाई हुई। इसके बाद रफीक अंसारी को अदालत ने न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। सपा जिलाध्यक्ष विपिन चौधरी, महानगर अध्यक्ष आदिल चौधरी, सरधना सीट से विधायक अतुल प्रधान और अन्य नेताओं ने जेल में रफीक अंसारी से मुलाकात की है।
आपसी मनमुटाव, अंतरकलह से जूझ रही सपा : 27 मई से अब तक रफीक अंसारी की बेल पर सुनवाई 2 बार टल चुकी है। अब सुनवाई की 10 तारीख लगी है। उससे पहले सपा नेता उनसे मिलने जिला जेल पहुंचे। सपाइयों में आपसी मनमुटाव किसी से छिपा नहीं है। इसकी चर्चा मेरठ से लेकर लखनऊ, दिल्ली तक है। टिकट वितरण और अहम पदों को लेकर सपाईयों में चल रही आपसी रार जगजाहिर है। महापौर चुनाव में अतुल प्रधान की पत्नी सीमा प्रधान को टिकट मिलने पर सपाइयों में काफी मनमुटाव था।
टिकट और पदों के बंटवारे पर बढ़ रही आपसी खाईः रफीक अंसारी और शाहिद मंजूर पर आरोप लगा था कि उन्होंने सीमा प्रधान को चुनाव में सपोर्ट नहीं किया।
वहीं अतुल भी दोनों विधायकों से मिलने नहीं गए। अब लोकसभा चुनाव में अतुल प्रधान से लेकर रफीक अंसारी, शाहिद मंजूर, आदिल चौधरी और योगेश वर्मा सभी टिकट की दावेदारी जता रहे हैं। पहले अतुल प्रधान का टिकट हुआ लेकिन नामांकन से एक दिन पहले अतुल का टिकट काटकर उसे सुनीता वर्मा को दे दिया।
इसके कारण सपाईयों में आपसी खाई और गहरी हो गई। जिसका असर लोकसभा चुनाव में भी देखने मिला।
योगेश वर्मा के चुनाव में पार्टी के तमाम नेताओं और विधायकों ने किनारा कर लिया। मंच से लेकर क्षेत्र में वो नजर नहीं आए।
चुनाव खत्म होने के बाद सपाई जेल में रफीक अंसारी से मिलने पहुंचे। इसको लेकर तमाम चर्चाएं हो रही हैं।