सहारनपुर। नगर निगम द्वारा संचालित माँ शाकंभरी कान्हा उपवन गोशाला प्रदेश की ऐसी पहली गौशाला हो गई है जिसके प्रोडक्ट ई-मार्केट प्लेस अमेजन पर विक्रय के लिए उपलब्ध हैं। गौशाला को आत्म निर्भर बनाने के लिए प्रोडक्ट की अमेजन पर बिक्री के अलावा गौवंश के गोबर से पेंट बनाने की ईकाई भी लगायी जा रही है। इसके अलावा कान्हा उपवन गौशाला प्रदेश की ऐसी भी पहली गौशाला हो गई है जहां गोशाला से निकलने वाले वेस्ट वाटर को वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट द्वारा स्वच्छ करके पुनः उपयोग में लाया जा रहा है
महाप्रबंधक जलकल/गौशाला के वरिष्ठ प्रभारी बी के सिंह ने बताया कि नगरायुक्त संजय चौहान के निर्देश पर गौशाला को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। अभी लगभग एक लाख रुपये प्रतिमाह दूध व गो उत्पादों से गौशाला की आय हो रही है। वरिष्ठ प्रभारी ने बताया कि निगम द्वारा संचालित गौशाला प्रदेश की पहली ऐसी गौशाला हो गई है जिसके गोबर व गोमूत्र से निर्मित वर्मी कम्पोस्ट, गोनाइल, मूर्तियां, कला.तियां, उपले, गोकाष्ठ, धूपबत्ती, हवन स्टिक, दिए आदि विभिन्न उत्पाद विक्रय हेतु ई-मार्केट प्लेस अमेजन पर उपलब्ध है। नगरायुक्त संजय चौहान के निर्देश पर महाप्रबंधक जलकल व गौशाला के वरिष्ठ प्रभारी बी के सिंह आज कान्हा उपवन गौशाला पहुंचे और गौशाला का निरीक्षण किया। उन्होंने गौवंश को गरमी से निजात दिलाने के लिए गायों को स्वयं भी स्नान कराया।
निगम के चिकित्सा प्रभारी डॉ. संदीप मिश्रा ने वरिष्ठ प्रभारी को बताया कि कान्हा उपवन गोशाला प्रदेश की ऐसी पहली गौशाला हो गई है जहां गोशाला से निकलने वाले वेस्ट वाटर को वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट द्वारा स्वच्छ करके पुनः उपयोग में लाया जा रहा है। वरिष्ठ प्रभारी बी के सिंह ने बताया कि निगम द्वारा संचालित माँ शाकंभरी कान्हा उपवन गौशाला व नंदीशाला में 544 निराश्रित गोवंश का भरण पोषण एवं संरक्षण किया।
ा जा रहा है। गोवंश के भरण पोषण हेतु प्रति गोवंश लगभग 4.5 किलो भूसा, 07 किलो हरा चारा तथा 1.5 किलो चोकर आदि दिया जाता है। उन्होंने बताया कि गरमी को देखते हुए गौवश को निर्धारित मानक से भी अधिक हरा चारा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है।