मोहब्बत की दुकान चलाने वाले राहुल ने अखिलेश ने या इंडी गठबंधन के एक भी घटक दल ने इस व्यक्ति पर कार्यवाही की बात तो छोड़ो निंदा तक नहीं की बल्कि टीवी चौनलों पर इंडी घटक के प्रवक्ता बर्फ का बचाव करते दिख रहे थे। सोचकर भी डर लगता है कि इस मानसिकता के लोग यदि संसद में पहुंच गये तो संसद का स्वरूप कैसा होगा। क्या संविधान प्रदत्त बोलने की आजादी का यही मतलब होता है।
समाजवादी पार्टी के संभल उत्तर प्रदेश के उम्मीदवार रहमान बर्क ने शराफत की सारी हदें पार करते हुए आज एक चुनावी सभा में कहा दुर्दात सजायफता अपराधियों, कातिलों, अपहरणकर्ताओं, फिरौतीबाज मुख्तार अंसारी, अतिक अहमद और शहाबुद्दीन की कुर्बानियों को याद कर वोट करना । सिर्फ यह कहना शायद भूल गए कि देश के लिए शहीद होने वाले इन जालिमों को भारत रत्न भी मिलना चाहिए। धिक्कार है ऐसे धार्मिक उन्माद को फैलाने वालों को इंडी गठबंधन के घटक समाजवादी पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया है। अभी तक मोहब्बत की दुकान चलाने वाले राहुल ने अखिलेश ने या इंडी गठबंधन के एक भी घटक दल ने इस व्यक्ति पर कार्यवाही की बात तो छोड़ो निंदा तक नहीं की बल्कि टीवी चौनलों पर इंडी घटक के प्रवक्ता वर्क का बचाव करते दिख रहे थे।
सोचकर भी डर लगता है कि इस मानसिकता के लोग यदि संसद में पहुंच गये तो संसद का स्वरूप कैसा होगा। क्या संविधान प्रदत्त बोलने की आजादी का यही मतलब होता है। यदि संविधान में कोई बदलाव करना है तो ऐसे राष्ट्र विरोधी धर्माध लोगों पर चुनाव लड़ने पर बंदिश लगनी चाहिए जो चुनाव जीतने के लिए धर्म का प्रयोग करते हुए घोषित अपराधियों का साहिब कहकर महिमा मंडन करते हुए उनकी शहीदी पर माल्यार्पण कर वोट मांग रहे हैं। दूसरी तरफ सलमान खुर्शीद की भतीजी मारिया आलम खान तो एक कदम आगे पहुंच कर ऐसी बातें चुनावी मंच से सलमान खुर्शीद की उपस्थिति में समाजवादी पार्टी के फर्रुखाबाद से उम्मीदवार के लिए वोट मांगते हुए कह दिया वोट जेहाद कर दो, जेहाद तो एक ही धर्म में होता है तो क्या वो धर्म के आधार पर वोट मांग रहीं थी, एक ही धर्म के लोगों से वोट माँग रही थी, यदि ऐसा है तो यह चुनाव आयोग के निर्धारित मूल्यों के सरासर विरुद्ध है और इस पर कार्यवाही अवश्य होनी चाहिए। यह महिला यहीं नहीं रुकी चुनाव की सारी मान्यताओं को तोड़ते हुए यहां तक कह दिया कि जो मुसलमान भाजपा के उम्मीदवार से किसी भी प्रकार का संपर्क करें उनका हुक्का पानी बंद कर दो हुक्का पानी बंद करने का मतलब होता है सामाजिक बहिष्कार क्या यह धर्म के आधार पर वोट मांगने की धमकी देने का मामला नहीं है और यदि है तो इंडी गठबंधन के सारे नेता गहरी चुप्पी क्यूं करे बैठे हैं। मामला बहुत गंभीर है और इसमें जिन्ना द्वारा धर्म के आधार पर देश के बंटवारे के अंश की बू आ रही है। इसे ऐसे ही नहीं छोड़ना चाहिए। चुनाव आयोग और न्यायालय को स्वतः संज्ञान लेकर इस पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए जिससे देश तोड़ने की साजिश का ख्वाब रखने वालों के सपनों को गर्भ में ही नेस्तनाबूद कर दिया जाये। इस चुनाव में कैम्पेन का स्तर प्रतिदिन गिर रहा है भाई बहन की जोड़ी प्रधानमंत्री के लिए अपशब्दों का लगातार उपयोग कर उनके पद की गरिमा तो गिरा ही रहें है बल्कि कांग्रेस फेक वीडियो बनाकर झूठ भी फैला रहें हैं।
झूठ, फरेब, धार्मिक उन्माद, इत्यादि वोट के खातिर कुछ भी हो रहा है। देश की जनता को ऐसी शक्तियों से सतर्क होकर विकसित राष्ट्र का संकल्प लेने वालों का साथ देकर राष्ट्र विरोधी शक्तियों को सबक सिखाने का समय अभी है जी हां अभी ही है।
(लेखक आज समाज के कार्यकारी निदेशक हैं।)….