द आडवाणी को घर जाकर सम्मान देंगी राष्ट्रपति द 2020 से 23 तक किसी को नहीं दिया गया था था भारत रत्न।
नई दिल्ली एजेंसी। राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज भारत सरकार द्वारा चयनित पांच विभूतियों को भारत रत्न से सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत अन्य नेता भी शामिल हुए। राष्ट्रपति मुर्मू ने स्वतंत्रता सेनानी व पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पूर्व पीएम नरसिंह राव, पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर और कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया है।
2020 से 2023 तक किसी को भी भारत रत्न नहीं दिया गया था, लेकिन 2024 के लिए केंद्र सरकार ने इन पांच विभूतियों को चुना। राष्ट्रपति भवन में आयोजित इस समारोह में केवल उप राष्ट्रपति लाल कृष्ण अडवानी को छोड़कर अन्य चार विभूतियों को मरणोपरांत भारत रत्न सम्मान दिया गया। पूर्व पीएम नरसिंह राव को भारत रत्न से सम्मानित करने के फैसले पर उनके पोते एनवी सुभाष ने केंद्र सरकार की सराहना की।
कौन थे नरसिंह राव: नरसिंह राव आठ बार चुनाव जीते। उन्हें राजनीति का चाणक्य कहा जाता था। कांग्रेस पार्टी में 50 साल बीताने के बाद वह देश के प्रधानमंत्री बने। राव करीबन 10 अलग-अलग भाषाओं में बात कर सकते थे। वह अनुवाद में भी उस्ताद माने जाते थे। राष्ट्रपति भवन में आयोजित इस समारोह में पूर्व पीएम नरसिंह राव के बेटे पीवी प्रभाकर राव भारत रत्न लेने पहुंचें।
चौधरी चरण सिंह: मेरठ जिले के नूरपुर में एक मध्यम वर्गीय किसान परिवार में जन्में चौधरी चरण सिंह भारत के पांचवें प्रधानमंत्री थे। उन्होंने 1923 में विज्ञान से स्नातक की एवं 1925 में आगरा विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। साल 1929 में मेरठ वापस आने के बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए। बता दें कि चौधरी चरण सिंह की तरफ से उनके पोते जयंत सिंह भारत रत्न लेने राष्ट्रपति भवन पहुंचें।
लाल कृण्ष अडवाणी को भी भारत रत्न: लाल कृष्ण अडवाणी भाजपा के वरिष्ठ नेता और देश के सातवें उप-प्रधानमंत्री रह चुके हैं। उनका जन्म 1927 में पाकिस्तान के कराची में एक हिंदू सिंधी परिवार में हुआ था। अडवाणी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भारत के उप-प्रधानमंत्री का पद संभाल चुके हैं। इससे पहले वह 1998 से 2004 के बीच भाजपा के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) में गृहमंत्री भी रह चुके हैं। लाल कृष्ण अडवाणी उन लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी की नींव रखी थी।10वीं और 14वीं लोकसभा के दौरान उन्होंने विपक्ष के नेता की भूमिका बखूबी निभाई है। 2015 नें उन्हें भारत के दूसरे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
कर्पुरी ठाकुर: कर्पुरी ठाकुर को बिहार की सियासत में सामाजिक न्याय की अलख जगाने वाला नेता माना जाता है। कर्पूरी ठाकुर साधारण नाई परिवार में जन्मे थे। कहा जाता है कि पूरी जिंदगी उन्होंने कांग्रेस विरोधी राजनीति की और अपना सियासी मुकाम हासिल किया। यहां तक कि आपातकाल के दौरान तमाम कोशिशों के बावजूद इंदिरा गांधी उन्हें गिरफ्तार नहीं करवा सकी थीं।
बता दें कि राष्ट्रपति भवन में आयोजित इस समारोह में कर्पुरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर भारत रत्न लेने पहुंचें।