सहारनपुर। पंजाबी एकता समिति के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में सरदार भगत सिंह के त्याग और बलिदान को नमन करते हुए सभी युवाओं से उनके आदर्शो व सिद्धान्तों पर चलने का आह्वान किया।
मोरगंज स्थित अमर शहीद भगत सिंह की प्रतिमा पर पंजाबी एकता समिति के पदाधिकारियों ने माल्यार्पण कर नमन किया। समिति के अध्यक्ष स.एमपी सिंह चावला ने कहा कि शहीदे आजम भगत सिंह ने अंग्रेजी हुकुमत के खिलाफ क्रान्तिकारी कदम उठाया था, जिससे अंग्रेजों की नींदे उड़ गयी थी। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने भगत सिंह, राजगुरू व सुखदेव को फांसी की सजा सुनायी थी, लेकिन देश के लोग फांसी के दिन से पहले फांसी लगने वाली जेल की तरफ बढ़ने लगे, तो अंग्रेजी हुकुमत ने तय तिथि से पूर्व ही उन्हें फांसी पर चढा दिया था। उसके देश में क्रान्ति की ऐसी लहर दौड़ी की सन् 1947 में देश आजाद हो गया। महामंत्री राजीव फुटेला ने कहा कि पंजाबी एकता समिति इन महत्वपूर्ण दिवसों पर समाज की महान प्रतिभाओं को याद करके समाज की नयी पीढ़ियों को यह संदेश देती है कि जो कौम अपने इतिहास को भूल जाती है, वह जिंदा नहीं रहती। शहीद भगत सिंह ने तो अपनी भरी जवानी में भी हंसते-हंसते इन्कलाब जिंदाबाद के साथ अपनी शहादत दी थी। इस दौरान अरूण अरोड़ा, अनिल गगनेजा, अनिल गिल्होत्रा, बलजीत, बोबी अनेजा, कुलविंदर राठौर, केवल कृष्ण गुंबर, राजेश गांधी, राकेश सचदेवा, हरीश ईशपूजानी, राजीव अरोड़ा, नरेश मदान, संजय तनेजा, अनिल धारिया, प्रदीप भंडारी, अतुल गांधी, वीरू मदान, सन्नी परूथी, भानू, सौरभ, अजय सोनी, गगन विज आदि मौजूद रहे।